कांवड़ियों की सेवा करने वाली मुस्लिमों की संस्था का योगी सरकार के फैसले से टूटा दिल! बताया दर्द

संदीप सैनी

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Muzaffarnagar Kanwar Yatra News: कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के बाहर अपने नाम का बोर्ड लगाने के मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश के बाद अब एक नया मामला सामने आया है. बता दें कि कांवड़ यात्रा में कावड़ियों की सेवा करने वाली मुस्लिम संस्थाओं ने पुलिस के इस आदेश का विरोध करना शुरू कर दिया है. मुजफ्फरनगर की आवाज-ए-हक नमक एक संस्था ने इस सरकारी फरमान का खुलकर विरोध किया है. संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि इस आदेश ने उन्हें दुख पहुंचा है और इस बार उन्हें सोचना होगा कि कांवड़ियों की सेवा के लिए वे शिविर लगाएंगे या नहीं?

आपको बता दें कि यूपी Tak की टीम ने आवाज-ए-हक संस्था को चलाने वाले उसके पदाधिकारियों से जब बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 'जो दुकानों के बाहर नाम लिखने का सिलसिला शुरू हुआ है, उससे दुख पहुंचा है. ये आदेश लोगों को तोड़ने का काम करेगा. इसकी हम पूरी तरह मुखालफत करते हैं. हम लोग लंबे समय से नगर में स्थित मीनाक्षी चौक पर कांवड़ शिविर लगाकर कावड़ियों की सेवा करते आ रहे हैं. लेकिन इस बार हमें सोचना पड़ रहा है कि हम शिविर चलाएं या नहीं क्योंकि सिलसिला अब पहचान का शुरू हो गया है. अगर हम शिविर चलते हैं और कावड़ियों की सेवा करते हैं, तो हमें भी अपने गले में अपने नाम की तख्ती डालनी होगी.'

 

 

मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने ये कहा

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा, "जिले में सावन माह की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट जिले में पड़ता है. मार्ग में होटल, ढाबा और ठेले सहित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है."

उन्होंने कहा, ''ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवड़ियों के बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए. सभी स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं."

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