रायबरेली में 10 हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हुए जारी, जीशान-विजय यादव के कांड ने ATS को चौंकाया

संतोष शर्मा

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UP News: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को भी सकते में डाल दिया है. यहां 100 या 200 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र नहीं बल्कि 10 हजार से कई अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं. इनमें से कई ऐसे गांवों में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जहां उस जाति या धर्म से संबंधित लोग रहते ही नहीं हैं. अब पुलिस ने इस मामले में रायबरेली के सालोनी इलाके के ग्राम विकास अधिकारी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की जांच एटीएस ने शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि ये फर्जी जन्म प्रमाण पत्र किसी बड़ी और गहरी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं.

विजय यादव और मोहम्मद जीशान शक के घेरे में

मिली जानकारी के मुताबिक, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने की यह कहानी रायबरेली के सलोन कस्बे से शुरू होती है. यहां मोहम्मद रियाज का बेटा जीशान जन सुविधा केंद्र चलाता है. इसी जन सुविधा केंद्र के ठीक सामने सड़क के उस तरफ मोहम्मद रियाज का बीज भंडारण केंद्र भी है. बताया जा रहा है कि रायबरेली के सलोनी इलाके में जो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए, वो इसी जन सुविधा केंद्र से बनाए गए थे. 

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दरअसल जिन गांवों में सबसे ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने की बात आई वह ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव के क्षेत्र के थे. जीशान के जनसुविधा केंद्र में, जहां जन्म प्रमाण पत्र का रजिस्ट्रेशन होता था, उसी जीशान के मकान में ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव किराए पर रहता था. बताया जा रहा है कि जीशान और विजय यादव, दोनों में अच्छे संबंध थे. विजय ने अना CUG नंबर जीशान को दे रखा था और जीशान उस नंबर से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का जारी कर देता था.

आपको बता दें के ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव के हिस्से जो गांव आते थे, उनमें गोपालअनंत पुर, लहुरेपुर, सिरसरा, नूरुद्दीनपुर, जमालपुर और पलही शामिल हैं. इनमे से सबसे ज्यादा जन्म प्रमाणपत्र नुरुद्दीनपुर गांव में जारी हुए.

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गांव की आबादी 7-8 हजार मगर 12 हजार जन्म प्रमाण पत्र जारी

UP Tak की टीम मामले की जांच के लिए इलाहाबाद प्रयागराज हाईवे पर बसे नूरुद्दीनपुर गांव पहुंची. यहां ग्राम प्रधान पति भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनके ग्राम पंचायत की कुल आबादी 7 से 8 हजार है. मगर यहां सिर्फ नूरुद्दीनपुर गांव के ही पते पर 12,200 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र जारी हो गए. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सभी जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए गए हैं. मगर प्रधान के पास जो रजिस्टर है, उनमें इसका जिक्र नहीं है. भूपेंद्र सिंह ने साफ कहा कि 12 हजार से अधिक लोगों की जन्मस्थली नूरद्दीन गांव दर्ज हो गई है. इससे तमात सरकारी योजनाओं का लाभ तो लिया ही जा सकता है बल्कि आधार कार्ड जैसे दस्तावेज भी बनवाएं जा सकते हैं.

गांव में एक मुस्लिम परिवार मगर जन्म प्रमाण पत्र में ज्यादातर मुस्लिम ही

नूरुद्दीनपुर गांव के बाद हमारी टीम पलाही गांव पहुंची. यहां भी गजब कहानी सामने आई. ग्राम प्रधान दीपक ने बताया कि उनके गांव की जनसंख्या 4,500 है, लेकिन इस गांव के पते पर 819 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए. हैरानी की बात ये है कि गांव में सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार है. मगर जो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर मुस्लिम ही हैं. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम परिवारों का जन्म स्थान ये गांव बताया गया है.

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विजय यादव ने दी थी जीशान के खिलाफ तहरीर

बता दें कि जब फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी होने का मामला खुला तो विजय यादव ने अपने खिलाफ होने वाली कार्रवाई से पहले ही सलोन थाने में जीशान के खिलाफ तहरीर दी थी. विजय यादव की तरफ से दी गई इस तहरीर में विजय यादव ने खुद माना था कि जीशान ने उसकी धोखे से ली गई लॉगिन आईडी के जरिए 25 से 30 हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए थे. ये सभी लोग दूसरे राज्यों और देशों के रहने वाले थे. 

बता दें कि जब ये पूरा मामला सामने आया तो ADO पंचायत जितेंद्र सिंह की तहरीर पर ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव, रियाज खान, उसके बेटे जीशान खान के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया औऱ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों को जेल भेज दिया.

एटीएस कर रही पूरे मामले की गहरी जांच

बता दें कि अब इस मामले की जांच में एटीएस को लगाया गया है. लखनऊ आइजी रेंज प्रशांत कुमार भी मामले की खुद जांच कर रहे हैं. जिले में सभी ग्राम पंचायत से जारी हुए ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है. आशंका जताई जा रही कि कहीं फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का यह मामला दूसरे देशों से आए अवैध घुसपैठियों को नागरिकता दिलाने या किसी आतंकी संगठन के लोगों को यूपी में बसाने की साजिश तो नहीं है. फिलहाल इस मामले से हड़कंप मचा हुआ है.

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