हरदोई के पप्पू ने जमीन के अंदर बना लिया दो मंजिला घर, 11 कमरे, इस काम में लग गए पूरे 12 साल

प्रशांत पाठक

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Hardoi News: बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बारे में तो आप जानते ही होंगे. दशरथ मांझी ने जिद पकड़ी तो पहाड़ काट कर रास्ता बना दिया. यूपी के हरदोई से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां एक फकीर इरफान उर्फ पप्पू बाबा ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि हर कोई हैरान रह गया. 

दरअसल इस शख्स ने मिट्टी के ऊंचे खेरे के ऊपर से लेकर जमीन के अंदर तक अपने हाथों से मिट्टी काटकर अपना दो मंजिला महल तैयार कर लिया. यहां तक की पप्पू बाबा ने इस अंडरग्राउड महल में 11 कमरे भी बना लिए और  इबादत के लिए मस्जिद और मक्का मदीना का स्वरूप भी तैयार कर लिया. हैरानी की बात ये है कि इरफान उर्फ पप्पू बाबा ने ये सब सिर्फ खुरपी और फावड़ा से ही बना डाला. यहां तक की उन्होंने खुरपी और फावड़ा का इस्तेमाल करते हुए दीवारों पर नक्काशी भी कर डाली और तिरंगे के साथ तमाम चित्र भी बना डाले.

12 साल में खड़ा कर दिया जमीन के अंदर 2 मंजिला आशियाना

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में शाहाबाद कस्बे के मोहल्ला खेड़ा बीबीजई के रहने वाले फकीर इरफान अहमद उर्फ पप्पू बाबा अपनी मेहनत और कारीगरी को लेकर इन दिनों चर्चाओं में हैं. दरअसल इरफान अहमद उर्फ पप्पू बाबा ने जमीन के अंदर दो मंजिला आशियाना तैयार कर लिया है. इस आशियाने में इरफान अहमद ने पहली और दूसरी मंजिल पर करीब 11 कमरे, इबादत के लिए मस्जिद,मक्का मदीना का स्वरूप भी अपने हाथों से तराश कर तैयार किया है.

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मिली जानकारी के मुताबिक, इरफान अहमद का ये महल पिलर पर टिका है. कमरों और इबादतगाह में जाने के लिए सीढ़ियों से होकर गुजरना पड़ता है. खास बात ये भी है कि इसको भी खुद इरफान ने ही बनाया है. इसके लिए भी उन्होंने खुरपी और फावड़ा का इस्तेमाल किया है. इरफान ने अपने बनाए आशियाने की दीवारों पर भी कई तरह की आकृतियां बनाई हैं. उन्होंने खुद ही कई तरह के चित्रों को दीवार पर उकारा है.

इस आशियाने को बनाने वाले इरफान

2011 में की थी इसे बनाने की शुरुआत

इरफान के मुताबिक, अपने इस खूबसूरत आशियाने को बनाने में उन्हें 12 साल का लंबा वक्त लगा. सन 2011 में उन्होंने इसे बनाने की शुरुआत की थी. टीले पर उनकी पैतृक जमीन थी, जिसका कुछ हिस्सा उन्होंने खेती के लिए उपयोग में लिया, जबकि कुछ हिस्सा उन्होंने आशियाना बनाने के लिए प्रयोग किया. 

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करीब 12 साल की मेहनत के बाद उन्होंने अपने हाथों से और फावड़ा-खुरपी का इस्तेमाल करते हुए मिट्टी के टीले की खुदाई कर अंडरग्राउंड दो मंजिला आशियाना बना लिया. बता दें कि जमीन के अंदर बने इस घर में खुदाई कर पिलर तैयार किए गए हैं और मिट्टी काटकर कमरों के साथ इबादतगाह तैयार किए गए हैं. 

सभासद का चुनाव हारे तो फकीर बन गए

इरफान अहमद के मुताबिक, पहले वह दिल्ली में रहकर सिलाई का काम करते थे. फिर वह अपने घर शाहाबाद आए और उन्होंने सभासद का चुनाव लड़ा. चुनाव में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई और वह निराश हो गए. इसके बाद उन्होंने फकीरी अख्तियार कर ली और अल्लाह की इबादत में लग गए. 

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बता दें कि इरफान अब जमीन के अंदर बनाए हुए अपने घर में ही रहते हैं. वह सिर्फ खाने-पीने के लिए ही पड़ोस में अपने पैतृक घर जाते हैं. अभी भी उनका हर दिन 4 से 5 घंटा इस आशियाने को सजाने संवारने में ही निकल जाता है. 

पप्पू बाबा के महल के नाम से भी जाना जाता है ये आशियाना

बता दें कि इरफान अहमद उर्फ पप्पू बाबा के इस घर को लोग पप्पू बाबा की गुफा के नाम से भी जानते हैं. दरअसल इस महल में तमाम सीढ़ियां हैं और ये गुफानुमा है. लिहाजा इसे लोग पप्पू बाबा का महल और पप्पू बाबा की गुफा कहते हैं. इरफान उर्फ पप्पू बाबा के द्वारा किए गए इस अनोखे कारमाने को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. 

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