Kashi Vishwanath Temple: कहानी काशी विश्वनाथ धाम की, जानिए आज दिख रहे मंदिर की पूरी यात्रा

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काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर है. यह देश और दुनियाभर के हिंदू श्रद्धालुओं के अलावा विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकर ने दावा किया है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बन जाने के बाद से ही मंदिर के दर्शन को आने वाले लोगों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. पीएम मोदी ने अपने मन की बात के 103वें एपिसोड में भी इस बात पर फोकस करते हुए कहा, ‘सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. सावन की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी खूब श्रद्धालु पहुँच रहे हैं. आपको ये जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है. अब काशी में हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं.’

आइए हम आज आपको काशी विश्वनाथ मंदिर की पूरी कहानी बताते हैं

कब बना मंदिर: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास हिंदू धर्म की अमूल्य धरोहर और गहरे आस्था की गवाह है. इसका नाम वाराणसी, भारत के पवित्र नगर काशी से आया है. मान्यता है कि भगवान शिव इस स्थान पर वास करते हैं. प्राचीन इतिहास में यह स्पष्ट नहीं है कि मंदिर का निर्माण कब हुआ था. कुछ स्रोतों की मानें, तो मंदिर की स्थापना लगभग 3500 वर्ष पहले हुई थी. वहीं कुछ का यह भी मानना है कि इसे महाभारत काल में बनाया गया था.

क्या औरंगजेब ने तोड़ा मंदिर: मध्यकालीन इतिहास में कुछ लेखकों का मानना है कि मंदिर बार-बार नष्ट और पुनर्निर्माण का शिकार हुआ. ऐसा दावा किया जाता है कि मुग़ल सम्राट औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर उसकी जगह ज्ञानवापी मस्जिद बनाई थी. फिलहाल ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद कोर्ट में है.

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अहिल्याबाई होल्कर ने कराया पुनर्निर्माण: आज हम जिस मंदिर को देखते हैं असल में 1780 में मराठा शासक अहिल्याबाई होल्कर द्वारा कराया गया पुनः निर्माण है. इसके बाद, महाराजा रणजीत सिंह ने 1835 में मंदिर की शिखर को स्वर्णमय करवाया.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने बढ़ाई छटा

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर वाराणसी, उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक परियोजना है. इस परियोजना के अंतर्गत, काशी विश्वनाथ मंदिर के आस-पास का क्षेत्र को विस्तारित और सुविधाजनक बनाया गया है. इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाना, पुरातन संरचनाओं को बहाल करना और धार्मिक स्थलों को जोड़ना है. इसे विशाल प्राचीनता, सांस्कृतिक धन और आध्यात्मिकता की झलक का प्रतीक माना जाता है. इस परियोजना की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह परियोजना अब लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली हुई है, जबकि पहले संबंधित परिसर तकरीबन 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था. 8 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. परियोजना के तहत 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों को फिर से खोजा गया, उनका जीर्णोद्धार किया गया और उनका सौंदर्यीकरण किया गया.

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संक्षेप में कहें, तो काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर एक बहुत ही पूजनीय मंदिर है. मंदिर के दर्शन करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का है. काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और यह वाराणसी शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

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