वाराणसी में पुलिस वाला ही बन गया गुंडा, दरोगा ने टीम बना व्यापारी से लूटे 42 लाख

रोशन जायसवाल

ADVERTISEMENT

varanasi police
varanasi police
social share
google news

Varanasi News : उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जहां एक दरोगा ने ही लूट के घटना को अंजाम दिया है. बता दें कि वाराणसी के पास नेशनल हाईवे पर  22 जून की रात को एक ज्वेलरी व्यापारी के साथ लूट की घटना हुई थी. इस दौरान आरोपियों ने व्यापारी से कुल 42 लाख 50 हजार रुपए की लूट की थी. इस मामले के खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि खुद चौकी इंचार्ज (सब-इंस्पेक्टर) लूट की घटना में संलिप्त था. वह कैंट थाना अंतर्गत नदेसर चौकी पर पोस्टेड था.  

पुलिस वाला ही बन गया गुंडा

बता दें कि 22 जून को कुछ लोगों ने रामनगर क्षेत्र के भीटी के पास एक बस को हाइवे पर रोक लिया था. इस बस में एक सोना व्यापारी के फर्म का पैसा जा रहा था. वहीं  नेशनल हाईवे पर बस को रोककर बस में बैठे व्यापारी को पिस्टल दिखाकर और डरा धमकाकर, उतारकर व्यापारी से 42 लाख 50 हजार रुपए लूट लिए. इस घटना में नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी और योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक भी सम्मिलित थे. योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम दिया गया था. लूट की घटना में अजय गुप्ता नाम के व्यक्ति को  पिस्टल के साथ भुल्लनपुर प्राइवेट बस स्टैण्ड पर बस में बैठाया दिया गया था और कटारिया पेट्रोल पम्प के पहले ही बस को रुकवाकर इस घटना को कारित किये गया.

दरोगा ने टीम बना लूटे 42 लाख

इस वारदात में सबइंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पाण्डेय वर्दी में ही बस को रुकवाया था और घटना को अंजाम देने में मदद किया था. वारदात का खुलासा करते हुए डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने बताया कि, 'सीसीटीवी फुटेज और सीडीआर की मदद से अभियुक्तों के नाम सामने आए हैं. जिसमें एक सब इंस्पेक्टर भी शामिल है और उनकी भूमिका भी संदिग्ध है. लूट की घटना में तीन लोगों को पकड़े जाने के अलावा तीन और अभियुक्त हैं, जो फरार चल रहे हैं. लुटे हुए 42 लाख रूपयो में से लगभग 8 लाख रुपए बरामद कर लिए गए हैं और दो असलहों के अलावा जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया है.'

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

उन्होंने आगे बताया कि, 'लुटेरों के अपराध करने का तरीका यह था कि यह व्यापारी से आधा ही रुपया लूटते थे ताकि वह पुलिस में शिकायत ना कर सके. जैसे इस केस में कुल 93 लाख रुपए में से सिर्फ 42 लाख रुपए ही लूटे गए थे. उन्होंने बताया कि लूट से संबंधित और जानकारी गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर से पूछताछ करके हासिल की जा रही है. लूट की वारदात में सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि सभी लुटेरे खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर कहते थे कि आपके पास अवैध और संदिग्ध चीज है. जिसकी तलाशी लेनी है.' डीसीपी काशी ने आगे बताया कि सब इंस्पेक्टर सूर्य प्रकाश पांडेय लगातार लुटेरों के संपर्क में थे और घटना वाले दिन भी यह संपर्क में बने हुए थे. आगे की जांच अभी जारी है.

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT