पीएम मोदी के सामने अखिलेश ने किसपर जताया भरोसा, जानें कौन है बनारस से सपा का उम्मीदवार

रोशन जायसवाल

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Uttar Pradesh News :  लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने एक और लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में पांच सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया गया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और सीनियर सपा नेता शिवपाल सिंह यादव बदायूं सीट से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार होंगे. अब तक पार्टी ने 32 उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. वहीं अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से भी अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है. वाराणसी से सपा ने सुरेन्द्र सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

सपा ने जारी की तीसरी लिस्ट

सपा ने मंगलवार को  पांच और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. कुल मिलाकर अब तक सपा 32 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुकी है. वहीं अखिलेश यादव के भाई धर्मेद्र यादव जिनकी चर्चा बदायूं से लड़ने की थी उन्हें आजमगढ़ और कन्नौज का लोक सभा चुनाव प्रभारी बनाया गया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने जनवरी में 16 उम्मीदवारों के नाम की पहली लिस्ट जारी की थी. वहीं 19 फरवरी को पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की थी. पहली लिस्ट में सपा ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से चुनावी मैदान में उतारने का एलान किया था तो वहीं तीसरी लिस्ट में चाचा शिवपाल को बदायूं से अपना प्रत्याशी बनाया है.

कौन हैं सुरेन्द्र सिंह पटेल 

बता दें कि चार दशक से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय सुरेंद्र सिंह पटेल वाराणसी के (राजातालाब ) रोहनिया विधानसभा के रहने वाले हैं. सुरेंद्र सिंह पटेल  दो बार सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं जबकि एक बार बसपा में भी यह स्वतंत्र प्रभार मंत्री रह चुके हैं. 2003 में मायावती के सीएम पद से इस्तीफे के बाद सपा सरकार में सुरेंद्र पटेल चले गए और एक बार फिर यह संस्कृत संस्थानम् के दर्जा प्राप्त मंत्री बनाए गए. 2007 में समाजवादी पार्टी से गंगापुर से एक बार फिर विधायक दूसरी बार चुने गए. 2012 में गंगापुर के परिसिमन के बाद बने विधानसभा सेवापुरी से टिकट पर तीसरी बार सपा सीट पर विधायक चुने गए.मंत्रीमंडल के गठन के बाद लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और जल संसाधन विभाग के मंत्री बनाए गए. 2017 में सेवापुरी से सपा के टिकट पर चुनाव हारकर सुरेंद्र सिंह पटेल दूसरे नंबर पर आ गए. वहीं 2022 में सुरेंद्र पटेल नील रतन से चुनाव हार गए.

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