महिला आरक्षण बिल पास होने पर यूपी में बदलेगी तस्वीर! जानें कितनी बढ़ेगी सांसद-विधायकों की तादाद

आशीष श्रीवास्तव

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Uttar Pradesh News : संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत होने के साथ ही महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) को लागू करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. इस बीच सोमवार की शाम को मोदी कैबिनेट की बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिलने की चर्चाएं हैं. बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है. इस विधेयक के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में यहां से चुने जाने वाले विधायकों और सांसदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ जाएगी.

संसद में महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद UP में महिलाओं को इसका बड़ा लाभ मिल जाएगा जिसके बाद लोक सभा में 26 सीटें और विधानसभा में 132 सीटें महिलाओं के लिए रिज़र्व हो जाएंगी.

बदल जाएगी यूपी विधानसभा की तस्वीर

उत्तर प्रदेश में UP विधानसभा में 403 सदस्य हैं, जिनमें से अभी महज़ केवल 48 महिलाएं ही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में केवल 12 फ़ीसदी ही उनकी भागीदारी है. विधान परिषद में उनकी भागीदारी मात्र 6 फ़ीसदी है. इसके साथ साथ ही लोक सभा सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में कुल अस्सी सीटें हैं, जिसमें 11 सांसद ही महिलाए हैं. उत्तर प्रदेश में महज़ 14 फ़ीसदी महिलाएं प्रतिनिधि है. संसद में महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद उत्तर प्रदेश में महिलाओं की भागेदारी अब बढ़ेगी. इसके साथ साथ ही विधानसभा लोक सभा और विधान परिषद में भी महिलाएं आगे आ सकेगी.

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33 फीसदी सीटें होंगी आरक्षित

बता दें कि करीब 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अब संसद के पटल पर आएगा. आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा में केवल 12 फ़ीसदी ही उनकी भागीदारी है. अगर ये बिल पारित हो जाता है तो संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई यानी 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी. वहीं साल 2010 में ये बिल राज्यसभा में पास हो गया था पर लोकसभा में इसे पेश नहीं किया जा सका.

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