Bahraich Bulldozer Action News: आज सुबह से ही बहराइच के कैसरगंज तहसील क्षेत्र के थाना फखरपुर क्षेत्र स्थित सराय जगना (वजीरगंज बाजार) में लोग जमा हैं. कोई अपना बचा खुचा सामान निकाल रहा है तो कोई अपनी बरसों पुरानी यादों को आखिरी बार देखकर उसे अपने दिल-दिमाग में कैद कर रहा है. तो कई लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी रोजी-रोटी को खत्म होते हुए भी देख रहे हैं. सभी को अब सिर्फ बुलडोजर एक्शन का इंतजार है. प्रशासन के बुलडोजर कुछ ही देर में आ सकते हैं और ये सब पलभर में मलबे में बदल जाएगा. (जब तक आप ये खबर पढ़ रहे होंगे तब तक हो सकता है कि बुलडोजर एक्शन शुरू हो जाए)
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दरअसल ये बुलडोजर एक्शन हाई कोर्ट के आदेश के बाद हो रहा है. प्रशासन और सरकार का कहना है कि ये सरकारी जमीन है, जिसपर सालों से लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है. प्रशासन का कहना है कि बुलडोजर कार्रवाई सिर्फ 29 भवनों (जिसमें घर और दुकान दोनों शामिल है) पर ही किया जा रहा है. मगर मौके पर मौजूद लोग और पीड़ित लोग ये संख्या काफी ज्यादा बता रहे हैं. लोगों का ये भी कहना है कि ये सब मुसलमानों को टारगेट करने के लिए किया जा रहा है.
‘मुसलमानों पर जुल्म हो रहा’
मौके पर मौजूद एक शख्स ने UP Tak से बात की. इस दौरान उनसे कहा कि, ये बहुत गलत हो रहा है. 50 सालों से लोग यहां रह रहे हैं. ये कुछ नहीं सिर्फ मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है. ये मुसलमानों के ऊपर जुल्म है. अब ये सब गरीब-मजदूर कहां जाएंगे.
वहां मौजूद लोगों ने इस दौरान कहा कि सरकार को गरीबों को आशियाना बनाकर देना चाहिए. सरकारी जमीन तो बहुत है इस देश में. लोगों ने कहा कि यहां तो प्रधानमंत्री आवास योजना के भी आवास बने हुए हैं.
‘गरीबों का सब बर्बाद हो रहा है’
बुलडोजर कार्रवाई में दुकान भी बड़े स्तर पर तोड़ी जाएगी. वहां मौजूद एक शख्स ने बताया कि यहां नाई की दुकान थी, परचून की दुकान थी और छोटे होटल थे. ये सब गरीबों के थे. वह किसी तरह से अपना गुजारा कर रहे थे. मगर अब सब खत्म हो जाएगा.
इस दौरान लोगों ने ये भी बताया कि यहां 129 घरों और दुकानों को तोड़ा जा रहा है. प्रशासन 29 की संख्या गलत बता रहा है. लोगों का कहना है कि यहां कभी नहीं बोला गया कि ये सरकार जमीन है. अचानक इस जमीन को सरकारी जमीन बता दी गई है. लोगों ने ये भी बताया कि वह सभी मिलकर एसडीएम के पास भी गए. मगर यहां किसी की सुनवाई नहीं हुई. किसी भी अधिकारी और प्रशासन के लोगों ने उनकी नहीं सुनी.
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