यूपी में चिरंजीव नाथ और उनकी पत्नी रश्मि रानी एक साथ बने IPS, पहली बार हुआ ऐसा कमाल

संतोष शर्मा

08 Oct 2024 (अपडेटेड: 08 Oct 2024, 12:40 PM)

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश पुलिस में प्रांतीय पुलिस सेवा यानी पीपीएस कैडर के 24 अफसरो के आईपीएस बनने का रास्ता साफ हो गया है.

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश पुलिस में प्रांतीय पुलिस सेवा यानी पीपीएस कैडर के 24 अफसरो के आईपीएस बनने का रास्ता साफ हो गया है. सोमवार को मुख्य सचिव, डीजीपी,संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य की मजूदगी में यह बैठक हो चुकी है.  जल्द इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से आदेश जारी हो जाएगा.  उत्तर प्रदेश में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे प्रांतीय पुलिस सेवा यानी पीपीएस कैडर के 24 अफसरो के भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस बनने जा रहे है. 1995 व 1996 बैच के अफसरों की DPC बैठक हो गई है. बैठक में एक पीपीएस अफसर के खिलाफ जांच लंबित रहने के कारण उनको प्रमोशन नहीं मिला है, जांच खत्म होते ही प्रोमोशन दिया जाएगा. 

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प्रमोशन पाने वालों में पति-पत्नी भी शामिल

जिन 24 पीपीएस अफसर आईपीएस बनने जा रहे है उसमे एक दंपत्ति भी है. एसपी सिटी बाराबंकी चिरंजीव नाथ सिन्हा और उनकी पत्नी एडिशनल एसपी रश्मि रानी, दोनों पति पत्नी का भी आईपीएस बनने वाले अफसरों की लिस्ट में नाम है. यह पहली बार होगा जब कोई पति पत्नी एक ही सेवा में एक ही प्रमोशन लेकर आईपीएस बने हो. 

इन अधिकारियों को मिला प्रमोशन

वर्ष 1995 और 1996 बैच के उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा (पीपीएस) के अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रमोट हो गए हैं. यह उन अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिन्होंने वर्षों तक कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ सेवा की है. प्रमोट होने वाले अधिकारियों में बजरंग बली, डॉ. दिनेश यादव, समीर सौरभ, मो. इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नेपाल सिंह, अनिल कुमार, कमलेश बहादुर, राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, रश्मी रानी, अनिल कुमार यादव, संजय कुमार, शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, लक्ष्मी निवास मिश्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव, चिरंजीव नाथ सिन्हा, विश्वजीत श्रीवास्तव, मनोज कुमार अवस्थी, अमृता मिश्रा, रोहित मिश्रा, शिवराम यादव, अशोक कुमार और दीपेंद्र नाथ चौधरी शामिल हैं. 

हालांकि, 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय कुमार यादव की जांच लंबित होने के कारण उनका प्रमोशन फिलहाल के लिए अधर में है. उनकी जांच प्रक्रिया समाप्त होने पर ही उनके प्रमोशन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। इस जांच के लंबित होने की वजह से उनका प्रमोशन लिफाफे में बंद रखा गया है. 

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