यूपी : बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सरकार द्वारा दी जा रही है राहत का क्या है दावा,  जानिए पूरे प्रदेश का हाल

उदय गुप्ता

19 Sep 2024 (अपडेटेड: 19 Sep 2024, 03:00 PM)

गंगा यमुना सहित कई नदियों में आई बाढ़ की वजह से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लोक प्रभावित हुए हैं. एक तरफ नदियों की बाढ़ जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.

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UP Flood News : गंगा यमुना सहित कई नदियों में आई बाढ़ की वजह से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लोक प्रभावित हुए हैं. एक तरफ नदियों की बाढ़ जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा राहत और बचाव के भी कार्य तेजी के साथ किया जा रहे हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रभावित परिवारों के लिए एक तरफ जहां शेल्टर होम खोले गए हैं और उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. वहीं दूसरी तरफ पशुओं के लिए चारे की भी व्यवस्था शासन द्वारा की गई है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाके में सरकार द्वारा निर्धारित राशन किट का वितरण भी किया जा रहा है. आईए जानते हैं बाढ़ प्रभावित इलाकों में किस जगह शासन द्वारा क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं.

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वाराणसी का ऐसा हाल

जनपद वाराणसी में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है, खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है व HFL 73.90 मीटर है. वर्तमान में गंगा नदी चेतावनी बिंदु से 27 से0मी0 ऊपर है एवं खतरे के बिंदु से 73 से0मी0 नीचे है.जनपद में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किये गए हैं.  जिनमे से 16 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील है.राहत शिविरो में वर्तमान में 448 परिवार के 2860 लोग आज भी निवास कर रहे हैं.उक्त बाढ़ राहत शिविरो में निवास कर रहे व्यक्तियों एवं परिवारों हेतु स्वच्छ ताज़ा गर्म भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है.  जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है.

अबतक 1093 पैकेट ORS 7685 क्लोरिन टेबलेट का वितरण किया जा चूका है एवं 523 लोगों का उपचार किया गया है. नगर निगम द्वारा शिविरो में फॉगिन कराई जा रही है.गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से वरुणा नदी में जल का उल्टा प्रवाह हो रहा है, जिसके कारण बाढ़ की स्थित उतपन्न हो गई है.जनपद में बाढ़ से कुल 7134 लोग बाढ़ से प्रभावित है.बाढ़ में बचाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा 25 नावे लगाई गई हैं, जनपद में NDRF की 01 टीम एवं जल पुलिस द्वारा भी मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है उक्त के अतरिक्त नदियों में लगातार रैकी कर जलस्तर की निगरानी की जा रही है, जलस्तर में वृद्धि होने के कारण आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत नौकाओ के संचालन पर रोक लगा दिया गया है.अब तक बाढ़ से प्रभावित 320 परिवार को बाढ़ राहत सामग्री एवं महिलाओं की व्यक्तिगत स्वछता हेतु 195 महिलाओं को डिग्निटी किट का वितरण किया गया है. बाढ़ से प्रभावित पशुओ हेतु भूसा की व्यवस्था की गई है, अब तक 682 कुंतल भूसा का वितरण किया गया है.


मिर्जापुर में बांटे गए ये सामान

मिर्ज़ापुर में बाढ़ प्रभावित तहसील सदर के ग्राम मल्लेपुर के 36 एवं ग्राम हरसिंहपुर के 56 कुल 92 परिवारों को राहत पैकेट उपलब्ध कराया गया.इन राहत पैकेट में दो पैकेट उपलब्ध कराया गया जिसमें प्रथम पैकेट में 5 किलोग्राम लाई,दो किलोग्राम भुना चना, एक किलोग्राम गुड़,10 पैकेड बिस्किट,एक-एक पैकेट माचिस व मोमबत्ती, दो नहाने का साबुन, 20 लीटर का एक जरी केन,तिरपाल दिया जा रहा है.दूसरे पैकेट में पैकेट 10-10 किलोग्राम आटा एवं चावल,2 किलोग्राम अरहर,10 किलोग्राम आलू,200 ग्राम हल्दी,100 ग्राम मिर्च, सब्जी मसाला,एक लीटर सरसों का तेल और एक किलोग्राम नमक का पैकेट आपदा राहत के रूप में प्रभावित व्यक्तियो को दिया गया.

चंदौली में कर्मनाशा उफान पर

चंदौली में पिछले कई दिनों से गंगा नदी और कर्मनाशा नदी उफान पर हैं.हालांकि इन दोनों नदियों का जलस्तर अब स्थिर है.इन नदियों मे बाढ़ की वजह से रिहायशी इलाके तो नाम मात्र के प्रभावित हुए हैं लेकिन फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए चंदौली के जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि, 'जनपद में तीन प्रमुख नदियां हैं जिनमें गंगा कर्मनाशा और चंद्रप्रभा नदी शामिल है. गंगा जी में पिछले कुछ दिनों में पीछे से भारी मात्रा में पानी आया था जिससे पिछले दो-तीन दिन बाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. हालांकि कोई भी गांव प्रभावित नहीं हुआ है. कल से लगातार पानी घट रहा है. जैसा की सिंचाई विभाग के एक्सपोर्ट बता रहे हैं कि यह ट्रेंड अब डिक्रीजिंग की तरफ है. जहां तक प्रभावित लोगों की बात है तो कुछ ऐसे गांव हैं जहां तटीय क्षेत्रों में कुछ लोग रहते थे उन्हें इतिहास के तौर पर गांव में जो सेंटर हम बनाए गए हैं वहां रखा गया है. उनको शिफ्ट करने के बाद कम्युनिटी किचन चला कर खाना खिला रहे हैं जो पशु हैं उनके लिए चारे की व्यवस्था की गई है.' 


तटिय इलाकों में बाढ़ के पानी से फसलों को हुए नुकसान के संदर्भ में जिलाधिकारी ने बताया कि, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि किसी भी तरह का हानि नहीं होना चाहिए. उसका हम लोग संज्ञान ले रहे हैं, चाहे वह खेती किसानी हो या किसी का मकान हो अगर किसी का क्षति हो रहा है तो उसका सर्वे करके तत्काल उसका मुआवजा दिया जाएगा इसके साथ ही साथ जितने लोग विस्थापित हुए हैं उनके लिए हम लोग सरकार द्वारा निर्धारित राशन किट भी मगा लिया गया है और बितरित किया जा रहा है.'

लखीमपुर में पशुओं का भी ध्यान

उत्तराखंड के पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के चलते बनबसा बैराज से बीच बीच मे छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से लखीमपुर खीरी जिले की पलिया, गोला, निघासन, लखीमपुर और धौरहरा तहसीलों के करीब 361 गांवों की करीब 28 लाख की आबादी और करीब  58984 एकड़ कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित है.लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ से प्रभावित करीब 141 गांवों में सरकार के द्वारा राहत कार्य कराए जा रहे हैं.लखीमपुर खीरी जिले में अब तक बाढ़ से प्रभावित किसानों को 58,94,24,539 रुपये की सहायता दी जा चुकी है वहीं बाढ़ प्रभावित करीब 141 गांवों में रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को लाखों की आबादी में जिला प्रशासन द्वारा 612976 लंच पैकेट, 491495 तिरपाल, 39340 खाद्य सामग्री पैकेट, 376 ओआरएस घोल के पैकेट, 89966 क्लोरीन की गोलियां बांटीं गईं हैं.जिले में आई बाढ़ से अब तक करीब 700 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन अलग-अलग स्वास्थ्य केदो पर उपलब्ध कराए गए हैं जबकि 12788 पशुओं का टीकाकरण कराया गया है.

बाराबंकी में मिला मुआवजा 

यूपी के बाराबंकी में सरयू नदी उफनायी हुई है.खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर है.नेपाल द्वारा छोड़े गए बरसात के पानी के बाद सरयू नदी उफना गई थी.जिसके चलते लगभग 50 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे और लगभग 35 हजार की आबादी प्रभावित हुई थी.बाढ़  पीड़ितो को जिला प्रशासन द्वारा राशन किट, रोज पूरी-सब्जी और तहरी का भोजन दिया जा रहा है. इसके अलावा इनके मवेशियों के चारे का भी इंतजाम किया गया है.एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि, सरयू नदी में आई बाढ़ से 3 गांव नदी में समा गए थे.जिनमे  209 घर पूरी नदी में बह गए थे.उनको एक लाख 20 हजार रुपए मुआवजा देकर जमीन आवंटित कर मकान बनवाया जा रहा है.जिससे उन लोगो का घर फिर से आबाद हो सके.इसके अलावा करीब 950 किसानों को बर्बाद फसल और जिनके खेत नदी में बह गए थे. उसका भी मुआवजा खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है.अब धीरे धीरे सरयू नदी की बाढ़ कम हो रही है.जो लोग बंधे पर है उनको और गावों में बाढ़ पीड़ितो को राहत सामग्री लगातार बाटी जा रही है.

प्रयागराज में बनाया गया राहत शिविर

  प्रयागराज में बाढ़ से करीब 10 हज़ार घर प्रभावित हुए है.वहीं बाढ़ राहत कार्य के लिए प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने 27 नावें लगा दी हैं.फूलपुर तहसील के बदरा सोनौटी गांव में आवागमन के लिए छह नाव, करछना के भगेसर देहली गांव में एक और तहसील सदर के दारागंज में तीन, बघाड़ा में 10 एवं राजापुर में सात नाव लगाई गई हैं.बाढ़ से प्रभावित छोटा बघाड़ा मोहल्ले के लिए ऐनीबेसेंट स्कूल एलनगंज, राजापुर कछार के लिए ऋकिषकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, द्रौपदी घाट के लिए कैंट हाईस्कूल सदर बाजार न्यू कैंट, गंगानगर राजापुर के लिए स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज अशोक नगर, बेली कछार के लिए सेंट जोसेफ गर्ल्स हाईस्कूल मम्फोर्डगंज, करेलाबाग के लिए यूनिटी पब्लिक स्कूल करेली, बेली कछार के लिए महबूब अली इंटर कॉलेज स्टेनली रोड बेली चौराहा को शिविर बनाया गया है इसके साथ ही बाढ़ राहत के लिए फोन नंबर (0532-2641577, 2641578) जारी किए गए हैं.


बस्ती में मुहैया कराई जा रही है राशन किट

बस्ती में सरयू लगातार कटान कर रही है जिसकी वजह से कुदरहा ब्लाक के मईपुर और मदरहवा गाँव प्रभावित हैं. नदी की कटान से कई घर नदी की धारा में समाहित हो गए हैं और कई घर नदी की धारा में विलीन होने के कगार पर हैं. अगर बात करें बाढ़ प्रभावितों कि  तो बस्ती जिला प्रशासन की ओर से उन्हें वहाँ से विस्थापित कर सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था की गई है और उन्हें खाने पीने के लिए बस्ती जिला प्रशासन राशन किट मुहैया करा रहा है और इतना ही नहीं जिन लोगों का घर नदी की धारा में विलीन हो गया है उन्हें भूमि पट्टा किया जा रहा है.इस पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी बस्ती सदर शत्रुघ्न पाठक ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को बस्ती जिला प्रशासन की ओर से हर सम्भव मदद की जा रही है और अभी तक बाढ़ प्रभावितों को 150 राशन किट दी गयी है और जिन लोगों के घर नदी की धारा में विलीन हो गए हैं. ऐसे 36 लोगों को भूमि पट्टा कर दी गई है और इन्हें जल्दी ही मुख्यमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया जाएगा.

उन्नाव में प्रशासन मुस्तैद

उन्नाव में लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से जिले के गांव इन दिनों बाढ़ के चपेट में आने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है.बाढ़ के पानी से जिले की चार तहसीले प्रभावित होती है जिनमें सदर तहसील उन्नाव, बांगरमऊ, बीघापुर, सफीपुर तहसील के कई गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित होते है।.इन तहसील क्षेत्रों में किसानों की सैकड़ो बीघा फसलें बाढ़ की चपेट में भी आ चुकी है. लगातार 24 घंटे से बढ़ा गंगा के जलस्तर से कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ के पानी से बांगरमऊ तहसील के कटरी गदनपुर आहार, फरीदपुर कट्टर, नयापुरवा, धन्नापुरवा, मन्नापुरवा समेत अन्य गांव इसकी चपेट में आ चुके है.गांव में रहने वाले सैकड़ो लोगो के लिए बाढ़ का पानी एक बड़ी मुसीबत बन चुका है. इस मामले में एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुल 33 नाव अलग-अलग तहसील के गावो में लगवा दी गई है. शुक्लागंज में 10, परियर में 10, गदनपुरआहार में 9 बीघापुर तहसील के पसेनिया में 2 और सफीपुर तहसील के जमाल नगर, अहतमानी गांव में 2 नावे लगाई गई है.बाढ़ के पानी से अभी तक 300 हेक्टेयर तक किसानों की फसलें जलमग्न हुई है.जिसका सर्वे करवाया जा रहा है. बाढ़ ग्रसित लोगों के लिए 500 राहत सामग्री कीट वितरित किया गया है अन्य लोगो के लिए भी राहत सामग्री किट बाटी जाएगी.

सीतापुर का ये हाल

सीतापुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों मेँ जनता को राहत पहुंचाने के लिए भोजन वितरण, दवाओं के वितरण के साथ साथ उनके निवास को लेकर भी सरकार संवेदनशील है. यह बात मंडलायुक्त रोशन जैकब ने इलाके का दौरा करते वक़्त कहीं. उन्होंने बताया जिनके घर बाढ़ के चलते गिर गए हैं उनके नुकसान का आकलन किया जा रहा है.इसके अलावा जिनके घर नदी की कटान के चलते गिर गए थे उनका चिन्हिकरण कर उन्हे पट्टे पर ज़मीन देने की भी कार्यवाही की जा रही है.मंडलायुक्त ने बताया सीतापुर के लगभग एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे.जिनमें  खेती के हुए नुकसान का भी आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं.

यहां देखिए सरकार की तरफ से बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए किए गए कार्यों का डिटेल:


सरकारी आंकड़े की बात करें तो लखीमपुर खीरी में कुल 361 गांव प्रभावित हुए हैं. जहां राहत के लिए 98 नावें लगाई गई है  और 612976 फूड पैकेट और 74457 राशन किट वितरित किए गए हैं. राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की दो और एसडीआरएफ की एक टीम लगाई गई. यहां पर 883362449 रुपए का अनुदान भी दिया गया.गोंडा में कुल 38 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं  जहां पर रहता और बचाव के लिए 268 नाव और पांच स्टीमर लगाए गए हैं. यहां पर 205602 लोगों को फूड पैकेट और 100150 राशन किट वितरित किए गए. यहां पर दो करोड़ 4644999 रुपए बाढ़ के सापेक्ष हुई क्षति को देखते हुए अनुदान दिया गया. इसी तरह सीतापुर के 129 गांव प्रभावित हुए जहां पर बाढ़ से हुई क्षति के हिसाब से 74 करोड़ 88 लाख 91 हजार 100 रूपये अनुदान के रूप में दिए गए. बहराइच में बाढ़ से 49 गांव प्रभावित हुए जहां पर एक करोड़ 3211999 का अनुदान दिया गया. बाराबंकी में 55 गांव प्रभावित हुए और यहां पर भारत प्रभावितों को 31340129 रुपए का अनुदान दिया गया. बलिया में बाढ़ से कुल 27 गांव प्रभावित हुए और यहां पर बाढ़ से हुई क्षति के सापेक्ष 17039253 रूपये अनुदान के रूप में वितरित किए गए. इसी तरह मिर्जापुर, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, संत कबीर नगर, रामपुर,बस्ती, चंदौली, शाहजहांपुर, गोंडा,अंबेडकर नगर,देवरिया, गाजीपुर और उन्नाव में भी बाढ़ प्रभावितों के लिए सरकार द्वारा तमाम इंतजाम किए गए.

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