UP News: गाजीपुर का मुहम्मदाबाद…पूर्वी उत्तर प्रदेश को अगर छोड़ दिया जाए तो मुहम्मदाबाद का नाम सुनकर सबसे पहले उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन रहे मुख्तार अंसारी का नाम याद आता है. मुख्तार अंसारी का घर ‘फाटक’ मुहम्मदाबाद में ही स्थित है. मगर आजकल गाजीपुर में बन रही मीम्स और रील्स की वजह से गाजीपुर का कुछ और भी खासा चर्चाओं में आया है. हम बात कर रहे हैं गाजीपुर-बलिया रेलमार्ग पर स्थित युसूफपुर रेलवे स्टेशन की.
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युसूफपुर रेलवे स्टेशन को मुहम्मदाबाद समेत गाजीपुर का हर वह शख्स जानता है, जिसने कभी ना कभी अपने यहां ट्रेन का सफर किया हो. युसूफपुर रेलवे स्टेशन वैसे तो बहुत छोटा स्टेशन हैं और यहां ट्रेन का ठहराव भी काफी कम हैं. मगर यही युसूफपुर रेलवे स्टेशन अब करोड़ों-लाखों लोगों के मोबाइल पर दिख रहा है और हर कोई इसे जान रहा है.
क्यों चर्चाओं में हैं युसूफपुर रेलवे स्टेशन?
गाजीपुर का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन युसूफपुर इस समय रील्स और बेटिंग ऐप वालों के लिए कोई नया नाम नहीं है. ये स्टेशन अब रील्सबाजों और बेटिंग ऐप वालों का अड्डा बन गया है. यहां जमकर रील्स बनाई जा रही हैं. सोशल मीडिया पर खुद को इन्फ्लुएंसर होने का दावा करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर और यूट्यूबर्स यहां आकर मीम्म और बेटिंग ऐप पर आधारित वीडियो बना रहे हैं.
मजेदार बात ये भी है कि ये वीडियो सोशल मीडिया या कहें कि इंटरनेट की दुनिया में जमकर वायरल हो रही हैं. गाजीपुर के युसूफपुर रेलवे स्टेशन पर बनी वीडियो पूरे देश में देखी जा रही हैं और जमकर शेयर और वायरल हो रही हैं.
ट्रेनों के ठहराव से नहीं बल्कि अलग ही वजह से चर्चाओं में आया स्टेशन
युसूफपुर रेलवे स्टेशन काफी छोटा स्टेशन है. मगर इसकी किस्मत का दरवाजा मनोज सिन्हा के केंद्रीय मंत्री रहते हुआ. माना जाता है कि मनोज सिन्हा ने इस रेलवे स्टेशन के विकास में अहम भूमिका निभाई और यहां ट्रेनों का ठहराव शुरू हुआ. मगर कोरोना काल के बाद स्थिति पलट गई. मगर अब यह मीम्सबाजों और रील्सबाजों का अड्डा बन गया है और यहां खूब वीडियो बनाई जा रही हैं. इन वीडियो को लोग भी खूब पसंद कर रहे हैं और जमकर शेयर भी कर रहे हैं.
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