कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई ने इस मामले में लखनऊ शाखा में रेगुलर एफआईआर दर्ज कर ली है. गोरखपुर के रामगढ़ ताल में दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने भी अब इस मामले में इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा व विजय यादव के साथ तीन अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
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बीते 27 सितंबर को गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे कानपुर की व्यापारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. अब इस मामले की जांच आखिरकार सीबीआई के हवाले कर दी गई है. मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना की जांच गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर कर दी थी. कानपुर पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी साउथ की अगुवाई में एक एसआईटी टीम गठित कर नामजद तीन पुलिसकर्मियों के साथ तीन अन्य पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
क्या है मामला?
बता दें कि कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता अपने तीन अन्य दोस्तों से मिलने के लिए गोरखपुर गए थे. आरोप हैं 27 सितंबर को गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस में देर रात पुलिस ने चेकिंग के नाम पर छापेमारी की, जिस पर इंस्पेक्टर रामगढ़ ताल जगत नारायण सिंह और उनकी पुलिस टीम ने मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी. इतना ही नहीं होटल में गंभीर रूप से घायल मनीष गुप्ता को कथित तौर पर अस्पताल पहुंचाने में भी बहुत देरी की गई. होटल से गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 15 किलोमीटर का सफर पुलिस ने करीब पौने 2 घंटे में पूरा किया गया. यह भी आरोप लगे हैं कि पुलिसकर्मियों ने इस दौरान होटल में जाकर साफ सफाई की, सुबूत भी मिटा दिए थे.
अब इस मामले में आगे क्या होगा?
अब इस मामले में सीबीआई ने लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच यूनिट में एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई अब नए सिरे से हर पहलू की जांच करेगी. गोरखपुर में जहां घटनास्थल का मुआयना किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ जेल भेजे जा चुके पुलिसकर्मियों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी. अब तक इस मामले की जांच कानपुर पुलिस की एसआईटी कर रही थी. एसआईटी तमाम अहम सुबूत जुटा कर चश्मदीदों के कोर्ट में बयान करवाने की तैयारी में थी. फिलहाल मामला सीबीआई के पास जाने के बाद अब कानपुर पुलिस ने विवेचना रोक दी है. सभी संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौप दिए जाएंगे.
पत्नी मीनाक्षी ने कहा, अब न्याय मिलने का भरोसा
कारोबारी मनीष गुप्ता अपने पीछे पत्नी मीनाक्षी और एक मासूम बच्चे को छोड़ गए हैं. मनीष की शादी 5 साल पहले मीनाक्षी से हुई थी. दोनों काम के सिलसिले में नोएडा रहते थे. कोविड-19 के संक्रमण के दौरान जब लॉकडाउन लगा, तो मनीष अपनी फैमिली संग कानपुर चले आए थे. इस मामले में CBI द्वारा FIR दर्ज करने के बाद मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने साफ कहा कि अब उनको भरोसा हुआ है कि न्याय मिलेगा, दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी.
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