UP News: हैलों, मैं सीबीआई अधिकारी राहुल गुप्ता…आप नरेश योगल मनी मनी लॉन्ड्रिंग में फंस चुकी हैं. आपके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है. आपका पैसा वूमेन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए भी इस्तेमाल हुआ है. कोर्ट और जांच एजेंसी के पास आपके खिलाफ कई सबूत हैं. सिर्फ यही नहीं, हमारे पास आपकी कॉल रिकोर्डिंग भी है. आप का नाम इस केस में हैं.
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लखनऊ पीजीआई की महिला डॉक्टर के पास एक फोन आया. शख्स ने खुद को राहुल गुप्ता बताया और उसने महिला डॉक्टर से ये सब कह डाला. इससे पहले महिला डॉक्टर को एक शख्स ने ट्राई (TRAI) अधिकारी बनकर फोन किया और उससे कहा कि उसके मोबाइल नंबर के खिलाफ करीब 22 शिकायतें मिली हैं. उसका ये नंबर बंद कर दिया जाएगा. ऐसे में अब सीबीआई अधिकारी राहुल गुप्ता आपसे बात करेंगे. महिला डॉक्टर ने घबराहट और डर की वजह से फौरन बताया गय वीडियो ऐप डाउनलोड किया और राहुल गुप्ता नामक शख्स से बात करना शुरू कर दी. इस दौरान महिला डॉक्टर को जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह बड़ी साइबर ठगी का शिकार हो चुकी है.
6 दिन तक महिला डॉक्टर को किया गया डिजिटल अरेस्ट
लखनऊ पीजीआई में तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ जिस तरह से साइबर ठगी की गई है, उसने पुलिस को भी चौंका दिया है. शातिर ठगों ने महिला डॉक्टर को 6 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और उसको बुरी तरह से फंसाकर 2 करोड़ 81 लाख अपने अकाउंट में डलवा लिए.
अपने आप को सीबीआई अधिकारी बताने वाले शख्स ने महिला डॉक्टर को एक फॉर्म भरने के लिए कहा. उसने डॉक्टर से कहा कि यह फॉर्म कोर्ट ने भरने के लिए कहा है. इसे आपको भेज दिया गया है. इसमें अपनी निजी जानकारी देनी होगी. उसे कोर्ट द्वारा गिरफ्तार करने का आदेश भी मिला है. मगर वह नहीं चाहता कि आपको अरेस्ट किया जाए, इसलिए अभी उसके द्वारा उससे सिर्फ इस मामले में पूछताछ की जा रही है.
‘किसी को बताया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा’
सीबीआई अफसर बनकर राहुल ने महिला डॉक्टर को ये भी कहा कि अगर उसने ये सारी बात किसी को बताई तो उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उसे ये बात अपने परिवार के भी किसी सदस्य को नहीं बतानी है. शख्स ने कहा कि उसे अपना पूरा पैसा सरकारी खातों में जमा करना है. इसके बाद ठग ने कई अकाउंट नंबर उसे दिए और महिला डॉक्टर ने अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा डालना शुरू कर दिया.
बता दें कि महिला डॉक्टर द्वारा 2 करोड़ 81 लाख रुपये बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए गए. महिला डॉक्टर को पूरे 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया. जब महिला को समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अब महिला डॉक्टर ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज करवाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल ये पूरा मामला चर्चाओं में बना हुआ है.
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