कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार चौतरफा घिरती नजर आ रही है. कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से मौत के आरोप सामने आने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है. इस बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव कानपुर के पीड़ित परिवार से मुलाकात करने वाले हैं.
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आपको बता दें कि गुरुवार को ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी पीड़ित परिजनों से मुलाकात प्रस्तावित है. इससे पहले अखिलेश यादव ने बुधवार को कन्नौज यात्रा के दौरान भी गोरखपुर की वारदात को लेकर सवाल उठाए थे. अखिलेश यादव ने कहा था, ‘गोरखपुर में, मुख्यमंत्री जी के अपने जनपद में, जहां एक व्यापारी अपने साथियों के साथ आया वहां पुलिस ने उसे मार डाला. पुलिस ने कमरे में घुसकर इतना मारा की उनकी जान चली गई. आखिरकार मुख्यमंत्री जी के क्षेत्र में इस तरह अन्याय पुलिस करेगी तो सोचिए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा.’
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी कानपुर के कारोबारी की संदिग्ध मौत से जुड़ा एक वायरल वीडियो ट्वीट किया है. इस वीडियो में गोरखपुर के डीएम और एसएसपी कथित तौर पर पीड़ित परिजनों पर FIR न लिखवाने का दबाव बनाते देखे जा रहे हैं.
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी से फोन पर बात की थी. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले में ट्वीट कर सरकार को घेरा था. उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की थी.
क्या है पूरा मामला?
28 सितंबर को कानपुर के युवक मनीष की गोरखपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मनीष अपने दोस्तों संग गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में रुके थे. उनके साथ रुके अरविंद सिंह ने बताया कि देर रात पुलिस अचानक उनकी आईडी चेक करने पहुंची. आरोप है कि पुलिस के जवान नशे में थे और उन्होंने मनीष संग मारपीट की, जिससे मनीष की मौत हो गई.
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