यूपी के महराजगंज जिले में बारह वर्षीय नाबालिग दलित बालिका की गैंगरेप के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बृजमनगंज थानाक्षेत्र के रेहरवा अंडर बाइपास के करीब नग्नावस्था में बालिका की लाश बरामद होने के बाद पुलिस बाघ व सियार के हमले को मौत की वजह बता रही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी (SP) नेताओं के दबाव के बाद अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ था. जांच के लिए एसपी ने एसओजी टीम को लगाया, तब छठवें दिन घटना का दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ.
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बताया जा रहा है कि आरोपी नाबालिग को उसके डेरा से पकड़ कर रेलवे लाइन की तरफ ले गए थे. उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद बेहरमी से हत्या कर दी गई. वारदात को अलग रंग देने के लिए आरोपियों ने नाबालिग के पेट के नीचे के हिस्सा को चाकू से काट निकाल लिया था. इसके बाद उसे मिट्टी में दफन कर दिया था. उनकी कोशिश थी कि लोग इसे वन जीवों की करतूत समझें.
दबाव के बाद पुलिस ने दर्ज किया केस
दुष्कर्मी अपनी साजिश में सफल भी हो गए थे. हालांकि ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद पूर्व विधायक व एसपी नेता विनोद मणि, अमित चौबे कार्यकर्ताओं के साथ मृतका के पिता को लेकर बृजमनगंज थाना पर पहुंचे. अगले दिन प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
केस दर्ज होने के बाद एसपी प्रदीप गुप्ता मौके पर पहुंचे. एसओ को हटा दिया गया है. हालांकि नए थानेदार पर भी लापरवाही के आरोप लगे. पुलिस की भूमिका पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि इस घटना के खुलासे का जो मीडिया सेल ने प्रेस नोट रिलीज किया उसमें से घटना के विवरण को हटा दिया गया था.
आपको बता दें कि नाबालिग का शव रेहरवा रेलवे अंडर बाइपास के पास से मिला था. वह गोरखपुर जनपद के कैम्पियरगंज थानाक्षेत्र की रहने वाली थी. परिवार में माता-पिता व एक छोटी बहन थी. परिवार भीख मांग कर जीवन यापन करता था लेकिन बेटी को पढ़ा रहा था. इन दिनों यह परिवार बृजमनगंज थानाक्षेत्र में रेहरवा के पास प्लास्टिक की पन्नी तान कर रह रहा था. घटना के दिन माता-पिता भीख मांगने गए थे.
अंतिम संस्कार को लेकर पिता ने लगाए आरोप
पुलिस ने अबतक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी उसी गांव के रहने वाले हैं जिस गांव के बाहर मृतका का परिवार रेलवे लाइन के किनारे रह रहा था. इस मामले में पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस पर नया आरोप लगाया जा रहा है. मृतका के पिता का आरोप है कि पुलिस ने शव को अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. रोहिन नदी में त्रिमुहानी घाट से शव का जल प्रवाह कर दिया. इस आरोप पर जब बृजमनगंज एसओ का पक्ष लेने की कोशिश की गई तो उनसे बात नहीं हो पाई.
टोपी से हुई पहचान, सलाखों के पीछे पहुंचे दरिंदे
पुलिस अपनी प्रारंभिक जांच में इस मामले को जंगली जानवरों से जोड़ रही थी. एसपी के दौरे के बाद एसओजी प्रभारी अनघ कुमार के नेतृत्व में जांच टीम का गठन हुआ. जांच टीम ने घटना स्थल से एक टोपी बरामद की. जिसके आधार पर शुल्डू उर्फ मुकेश पुत्र रतन राजभर (19 साल), विजय पुत्र बैजनाथ (20 साल) व जीतेन्द्र उर्फ बबूनी पुत्र अलगू राजभर को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201, 376 डी भादवि व 5/6 पोक्सो एक्ट व 3(2)(5) अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है.
एसपी नेता की ट्विटर व फेसबुक प्रोफाइल एक माह के लिए सस्पेंड
नाबालिग दलित के साथ गैंगरेप व हत्या का मामला उठाने वाले फरेंदा विधानसभा क्षेत्र के एसपी नेता अमित चौबे का ट्विटर व फेसबुक प्रोफाइल एक महीने के लिए सस्पेंड हो गया है. एसपी नेता अमित चौबे का आरोप है कि पुलिस अपराध को छिपा रही थी, समाजवादी पार्टी के दबाव के चलते केस दर्ज हुआ.
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