Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया रेलवे स्टेशन से RPF और GRP ने प्लेटफॉर्म पर तलाशी के दौरान प्रतिबंधित 520 कछुए बरामद किए हैं. सुरक्षाकर्मियों ने इन कछुओं को वन विभाग को दे दिया है. इनकी बाजारू कीमत लगभग पांच लाख रुपये बताई जा रही है. हालांकि इसमें किसी तस्कर की गिरफ्तारी नहीं हुई है. मगर यह आशंका जताई जा रही है कि तस्कर इसे चोरी छिपे ट्रेन से बंगाल भेज रहे थे, लेकिन स्टेशन पर सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से इन्हें बरामद कर लिया गया.
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अब तक क्या सामने आया?
गौरतलब है कि रोजाना की तरह मंगलवार को जीआरपी और आरपीएफ के सिपाही देवरिया सदर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर तलाशी कर रहे थे. इस दौरान प्लेटफॉर्म संख्या 2/3 पर निर्माणाधीन फुट ओवर ब्रिज के नीचे कपड़ों के गट्ठर अनगिनत संख्या में संदिग्ध अवस्था मे दिखाई पड़े. तो पुलिसवालों ने वहां मौजूद यात्रियों से पूछा कि यह किसका सामान है. लेकिन कोई व्यक्ति सामने नहीं आया. फिर इन संदिग्ध गट्ठरों को पुलिसकर्मियों द्वारा जांच करने पर यह पता चला कि अंदर कछुए हैं.
इसके बाद तुरंत आरपीएफ के इंचार्ज मनभरन और जीआरपी इंचार्ज सुधाकर उपाध्याय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और फिर पूरे गट्ठरों की तलाशी ली गई. पुलिस की नजर से बचने के लिए तस्करों ने इन कछुओं को पहले बोरियों में भरा और उसके बाद उसे ऊपर से चादर या साड़ी से लपेट दिया, ताकि किसी को शक न हो.
इसके बाद जीआरपी द्वारा वन विभाग की टीम को सूचना दी गई, जिस पर वन विभाग मौके पर पहुंची और गिनती कर उसे अपने साथ ले कर वन विभाग कार्यालय आई. बाद में कछुओं को नदियों में छोड़ दिया गया.
अपको बता दें कि बंगाल में कछुओं की बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती है. चीन में भी इसकी ज्यादा मांग है.आशंका जताई जा रही है कि इन कछुओं को ट्रेन से बंगाल तस्करी के लिए भेजने की तैयारी की थी, लेकिन मंगलवार को जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने तस्करों के मंसूबे पर पानी फेर दिया.
देवरिया सदर रेलवे स्टेशन के जीआरपी थाना प्रभारी सुधाकर उपाध्याय ने बताया कि ‘जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम द्वारा प्लेटफॉर्म नंबर 2/3 निर्माणाधीन फुट ओवर ब्रिज के नीचे से 27 बोरों में कुछ संदिग्ध वस्तु दिखाई पड़ी. उसको चेक किया गया. तलाशी के दौरान पता चला कि उसमें कछुए थे. इसके बाद फिर वन विभाग को बुलाया गया. वन विभाग के अधिकारी आए और उनके सामने गिनती की गई. टोटल 520 कछुए बरामद हुए. जिन्हें वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है.’
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