नोएडा से अमेरिका गई कॉल, हॉन्गकॉन्ग में पैसा ट्रांसफर….पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर्स का किया भंडाफोड़

भूपेंद्र चौधरी

• 11:35 AM • 20 Nov 2023

उत्तर प्रदेश के नोएडा में एसटीएफ यूनिट और नोएडा पुलिस की संयुक्त टीम ने 24 घंटे के अंदर दो कॉल सेंटर्स भंडाफोड़ कर तीन दर्जन…

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उत्तर प्रदेश के नोएडा में एसटीएफ यूनिट और नोएडा पुलिस की संयुक्त टीम ने 24 घंटे के अंदर दो कॉल सेंटर्स भंडाफोड़ कर तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी विदेशी लोगों से धोखाधड़ी करके उनको अपनी ठगी का शिकार बनाते थे.

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एक फर्जी कॉल सेंटर ग्रेनो के बिसरख क्षेत्र में, जबकि दूसरा नोएडा के थाना फेस क्षेत्र में पुलिस की नाक के नीचे चल रहा था. इन दोनों जगह से पुलिस ने तीन दर्जन से ज्यादा युवकों की गिरफ्तारी के साथ लक्जरी गाड़ियां, लाखों का कैश, विदेशी मुद्रा, दो दर्जन विभिन्न कंपनी के लैपटॉप, तीन दर्जन विभिन्न कंपनी के मोबाइल सहित दस्तावेज बरामद किए हैं.

बता दें कि एसटीएफ को लगातार समीर गुप्ता सहित अन्य अमेरिकन लोगों से शिकायत मिल रही थी. अंकित गुप्ता और वरुण सूद जिन्होंने कॉल करके इनके साथ धोखाधड़ी कर हॉन्गकॉन्ग की बैंक में उनके खाते में पड़ी रकम को ट्रांसफर किया है. इनपुट के आधार नोएडा एसटीएफ ने ग्रेटर नोएडा बिसरख पुलिस के साथ मिलकर ग्रेनो वेस्ट में स्थित महागुन मायवुड में छापा मारा, जहां से एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया. दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया. इस कॉल सेंटर से एसटीएफ को आधा दर्जन से ज्यादा लक्जरी गाड़ियां, लाखों का कैश, विदेशी मुद्रा, दो दर्जन विभिन्न कंपनी के लैपटॉप, तीन दर्जन विभिन्न कंपनी के मोबाइल सहित दस्तावेज बरामद किए हैं.

वहीं, दूसरा कॉल सेंटर का भंडाफोड़ नोएडा के थाना फेस 1 पुलिस के साथ एसटीएफ ने किया है. इस कॉल सेंटर पर भी विदेशी नागरिकों को कॉल करके उनको लालच देकर उनकी कुछ पर्सनल डिटेल्स के आधार पर उनके खाते से दूसरी बैंक में उनके रुपये को ट्रांसफर करने का काम धड़ल्ले से चल रहा था.

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि गिरफ्तार और दिव्य शर्मा व लीना शर्मा प्रोपर्टी का काम करते हैं. इसी बीच नितिन की पहचान लीना शर्मा से हुई और ये तीनो संपर्क में आए. नितिन पहले भी फर्जी कॉल सेन्टर चलाने का काम करता था.

दिव्य शर्मा उर्फ लवकुश ने बताया कि उसको नितिन ने लगभग 5 सालों से इस फर्जी कॉल सेंटर के काम में शामिल कर रखा है. बताया गया कि अमेरीका के नागरिकों का डेटा जिसमें नाम, पता, फोन नम्बर व सोशल सिक्योरिटी नंबर होता है, उसे खरीद लेते हैं और फिर वाइट पेज्स वेबसाइट से इन मोबाइल नम्बरों से अमरीका के सर्विस के नाम पर प्रोसेस आगे बढ़ाकर ये पेमेंट मोड नितिन, टेलीग्राम चैनल और डॉर्क वेब से लेते हैं.

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