Bahraich charas smuggling case: बड़ी मशहूर वेब सीरीज है नार्कोस. यह ड्रग्स के कारोबार और इस कारोबार के तमाम लॉर्ड्स की कहानी है. दुनियाभर में सराही गई. वो कहानी तो थी बड़े पैमाने पर ड्रग्स के कारोबार की, जिसने कई देशों को हिला दिया. पर यूपी के बहराइच से 'नार्कोस' की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो आपका दिमाग हिला देगी. ये मामला एक औरत से जुड़ा है, जो मूलतः रहने वाली नेपाल की है, लेकिन पकड़ी गई बहराइच में. महिला के पास से 5 किलो चरस मिला है और खास बात यह कि इस चरस को उसने घर में ही बना लिया था. बाजार की कीमत के हिसाब से महिला के पास से मिली चरस करीब 1.6 करोड़ रुपये की है.
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ये महिला अपनी कमरबंद में मौजूद थैलियों में इस चरस को लेकर जा रही थी. मन तो उसका इसे शिमला में बेचकर खूब पैसे कमाने का था, लेकिन सशस्त्र सीमा बल (SSB) की एक्टिव टीम ने उसके मंसूबों को बहराइच की सीमा पर ही नाकाम कर दिया.
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक बहराइच जिले के भारत-नेपाल सीमावर्ती रुपईडीहा सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और उत्तर प्रदेश पुलिस की साझा टीम ने एक नेपाली महिला मादक पदार्थ तस्कर के कब्जे से डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की चरस बरामद किया है. महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार बरामद मादक पदार्थ नेपाल से तस्करी कर शिमला (हिमाचल प्रदेश) ले जाया जा रहा था.
सशस्त्र सीमा बल 42वीं वाहिनी के उप सेनानायक दिलीप कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सोमवार शाम एक ठोस व विश्वसनीय खुफिया सूचना के आधार पर एसएसबी व उप्र पुलिस की संयुक्त टीम जांच एवं तलाशी में लगी थी. इस दौरान नेपाल से आई एक नेपाली महिला के बैग में रखे हरे रंग के कपड़े में लिपटे छह पारदर्शी पाउच बरामद हुए. श्वान दस्ता एवं खोजी कुत्तों ने बैग में रखे काले रंग के पदार्थ को मादक पदार्थ होने जैसी प्रतिक्रिया दी. बाद में विशेष रूप से प्रशिक्षण प्राप्त जवानों ने इसे चरस के रूप में पहचाना.
रेखा बुधा के पास था 1.6 करोड़ का चरस!
पकड़ी गई नेपाली नागरिक की पहचान दिलबहादुर बुधा की पुत्री रेखा बुधा के रूप में हुई है. मादक पदार्थ तस्कर रेखा के खिलाफ मादक पदार्थ निषेध से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम के तहत रुपईडीहा थाने में मामला दर्ज किया गया है. उपसेनानायक ने बताया कि करीब पांच किलोग्राम वजनी चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1.6 करोड़ रुपये आंकी गई है. गिरफ्तार नेपाली महिला ने आरंभिक पूछताछ में बताया कि उसने नेपाल में रूकुम जिले के काकरा गांव स्थित अपने घर पर चरस तैयार की थी और कम समय में अधिक से अधिक धन कमाने के लालच में वह इसे बेचने के उद्देश्य से शिमला (हिमाचल प्रदेश) ले जाने वाली थी.
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