4-5 लाख रुपये में मार्कशीट तैयार कर ग्रामीण डाक सेवा में भर्ती! लखनऊ में गजब फ्रॉड का खुलासा

आशीष श्रीवास्तव

01 Oct 2024 (अपडेटेड: 01 Oct 2024, 03:19 PM)

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की टीम ने हाल ही में एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी मार्कशीट तैयार कर ग्रामीण डाक सेवा (GDS) के पदों पर भर्ती करता था

Meerut News

Meerut News

follow google news

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की टीम ने हाल ही में एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी मार्कशीट तैयार कर ग्रामीण डाक सेवा (GDS) के पदों पर भर्ती करता था. इस गिरोह के 13 सदस्यों को मेरठ से गिरफ्तार किया गया है, जो इस अवैध संचालन में शामिल थे. पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने खुलासा किया कि वे प्रत्येक कैंडिडेट से 4 से 5 लाख रुपये वसूलते थे और विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, बिहार शिक्षा बोर्ड पटना की फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे. इसके बाद, ये फर्जी डॉक्यूमेंट्स डाक विभाग में भेजते थे ताकि अभ्यर्थी का वेरिफिकेशन किया जा सके.

यह भी पढ़ें...

मार्कशीट के बदले वसूलते थे पैसे

गिरफ्तारी के बाद गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे प्रत्येक अभ्यर्थी के वेरिफिकेशन के लिए डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को विकल यादव के माध्यम से 1 लाख रुपये देते थे. शेष राशि वे आपस में बांट लेते थे.  यह गिरोह काफी समय से इस अवैध गतिविधि में लिप्त था और इस तरीके से बहुत से अभ्यर्थियों को नौकरी दिला चुका था.  एसटीएफ की कार्रवाई उस समय हुई जब कुछ अभ्यर्थी वेरिफिकेशन के संबंध में चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए थे. उन्हें भी पकड़ लिया गया. इस प्रकार, एसटीएफ ने इस अवैध नेटवर्क का पर्दाफाश कर एक बड़े घोटाले को रोका है. 

लखनऊ में इस प्रकार की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं, लेकिन इस बार की कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रशासन इस प्रकार के अवैध कार्यों पर कड़ी निगरानी रख रहा है और दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए प्रतिबद्ध है. 
 

    follow whatsapp