नोएडा पुलिस ने धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से परीक्षा दिलाने वाले गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अलग-अलग परीक्षाओं के 28 एडमिट कार्ड बरामद किए हैं.
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सेक्टर-58 थाना पुलिस द्वारा सूचना मिलने के बाद सॉल्वर गैंग के 10 आरोपियों को त्रिफला पार्क के पास नोएडा से गिरफ्तार किया गया है. हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन द्वारा आयोजित कांस्टेबल जीडी की भर्ती परीक्षा कई सेन्टरों पर एक नवंबर को आयोजित हुई. बताया जा रहा है कि इस भर्ती परीक्षा का पेपर आउट कराने के लिए ये सभी आरोपी इकट्ठा हुए थे.
नोएडा पुलिस ने पेपर आउट कराने वाले उमेश कुमार को गिरफ्तार किया है जो कि भोजपुर बिहार का रहने वाला है. सॉल्वर लाखन सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. पेपर आउट कराने वाले अभिनव कुमार की भी गिरफ्तारी की गई है. इसके अलावा पुलिस ने राजस्थान के रहने वाले वीरेंद्र यादव, जितेंद्र यादव, हरियाणा के रहने वाले सतनाम, सुनील कुमार, महिपाल यादव और विकास शर्मा को गिरफ्तार किया गया है.
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये लोग अन्तर्राज्यीय सॉल्वर गैंग और पेपर आउट कराने वाले रैकेट के सक्रिय सदस्य हैं. इनका नेटवर्क हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार में फैला हुआ है.
आरोप है कि यह गैंग लगभग 2.5 साल से विभिन्न राज्यों की विभिन्न परीक्षाओं के पेपर आउट करता था. साथ ही इस गैंग के सदस्य अभ्यर्थियों के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को बैठाकर फर्जी तरीके से परीक्षा भी दिलाते हैं. नोएडा पुलिस ने बताया कि यह गैंग परीक्षा में पास कराने और नौकरी दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी कर मोटी रकम वसूलती है.
परीक्षा में पास कराने के लिए 30-50 लाख रुपये
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एसएससी की मल्टीटास्किंग नान टैक्नीकल स्टाफ परीक्षा के 35 लाख रुपये, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड से जुड़ी परीक्षाओं के 30 लाख रुपये, नीट (यूजी) परीक्षा के 30 लाख रुपये, इंडियन कोस्ट गार्ड डायरेक्ट रिक्रूटमेन्ट के 25 लाख रुपये, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड सीधी परीक्षा के 35-40 लाख रुपये, हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन के 40 लाख रुपये और राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के परीक्षाओं के लिए यह गैंग 50 लाख रुपये लेता था.
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