UP Loksabha Election Final Result 2024 : 18वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आ गए. ये नतीजे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए मायूसी लेकर आए. बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन बहुमत में तो आया लेकिन पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के विपरीत रहा. पार्टी अकेले दम पर 272 का आंकड़ा छूने में भी नाकामयाब भी नहीं हो सकी. वहीं उत्तर प्रदेश में इस बार भाजपा की उम्मीदों पर पानी फिर गया. बीजेपी पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही थी, लेकिन इस बार लगभग आधे सीटों का नुकसान हो गया. उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दलों का भी हाल बेहाल रहा.
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यूपी में BJP के सहयोगियों की भी फूला दम
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की 75 सीटों पर चुनाव लड़ी.उसने पांच सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ी. इनमें से दो सीटों पर अपना दल (एस) और दो सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल और एक सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी लड़ी. वहीं निषाद पार्टी के दो कैंडिडेट बीजेपी के सिंबल पर लड़े थे. वहीं चुनाव नतीजों में भाजपा के सहयोगी पार्टी का हाल बेहाल रहा है. भाजपा के सहयोगी दलों को चार सीटों पर जीत मिली जबकि 3 सीटें हाथ से छिटक गईं.
अपना दल का ऐसा रहा हाल
अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली अपना दल सोनेलाल बीते दस साल से बीजेपी की सहयोगी है. 2014 और 2019 में बीजेपी ने अपना दल को दो सीटें (मिर्जापुर और राबर्ट्संगज) दी थीं. जिसमें दोनों पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी. वहीं 2024 के इस चुनाव में अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से प्रत्याशी थीं तो राबर्ट्सगंज से पार्टी ने रिंकी कोल को मैदान में उतारा था. इनमें अनुप्रिया को तो जीत मिली लेकिन रॉबर्ट्सगंज पार्टी के हाथ से निकलकर सपा के पास चली गई.
राजभर के बेटे को मिली हार
उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों में सबसे ज्यादा चर्चा घोसी लोकसभा सीट की रही. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर मौजूदा योगी सरकार में मंत्री हैं. गठबंधन कोटे से उनको घोसी लोकसभा सीट मिली थी. जहां से राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को मैदान में उतारा था. घोसी लोकससभा सीट से समाजवादी पार्टी के राजीव राय ने बड़े मार्जिन ने अरविंद राजभर को शिकस्त दी.
निषाद पार्टी भी नहीं कर पाई कमाल
वहीं निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद मौजूदा योगी सरकार में मंत्री हैं. निषाद पार्टी अपने सिंबल पर चुनावी मैदान में नहीं उतरी थी लेकिन उसके दो नेता बीजेपी से उम्मीदवार थे. बीजेपी ने भदोही में निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद को प्रत्याशी बनाया था जबकि संतकबीरनगर सीट से संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद मैदान में थे. 2019 में भी संतकबीरनगर से प्रवीण निषाद सांसद बने थे. लेकिन इस बार प्रवीण निषाद को हार मिली जबकि भदोही में विनोद बिंद जीते.
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