Ayodhya News: श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और 1989 में श्री राममंदिर का सबसे पहला शिलान्यास करने वाले कामेश्वर चौपाल ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने साफतौर पर कहा कि ‘मंदिर निर्माण के लिए अभी जो जमीन मिली है, उसे 108 एकड़ तक बढ़ाया जाएगा, क्योंकि हिंदू समाज का पवित्रतम अंक 108 माना गया है. इस पर ट्रस्ट के सदस्यों की बीच सहमति बन चुकी है.’
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इसका साफ मतलब यह है कि या तो रामजन्मभूमि परिसर से सटे कुछ क्षेत्र का अधिग्रहण किया जाएगा या राम मंदिर ट्रस्ट सहमति बनाकर परिसर का क्षेत्र बढ़ाएगा. इसी के साथ यह भी तय हुआ है कि परिक्रमा के लिए जो 6 एकड़ परिधि में मंदिर का परकोटा बनना था, अब वह 8 एकड़ में बनेगा.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अधिग्रहित 67.703 एकड़ भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी गई थी. श्री राम मंदिर निर्माण के साथ ट्रस्ट ने उक्त भूमि से सटे कुछ मंदिर और उनकी भूमि को खरीदा, जिससे श्री राम जन्मभूमि परिसर का दायरा बढ़ गया है. अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और आंदोलन के दौरान 1989 में मंदिर का शिलान्यास करने वाले कामेश्वर चौपाल की मानें तो धीरे-धीरे राम जन्मभूमि परिसर का क्षेत्र 108 एकड़ तक बढ़ाया जाएगा, क्योंकि हिंदू समाज का पवित्रतम अंक 108 माना गया है.
वहीं, श्री राम मंदिर के चारों एक किलोमीटर लंबाई में परकोटा बनाया जा रहा है. यह पहले 6 एकड़ भूमि में बन रहा था जो अब बढ़ाकर 8 एकड़ भूमि की परिधि में बनेगा. परकोटे की इस परिपथ में भगवान गणेश, माता सीता, जटायु, निषाद राज, शबरी, सहित रामायण से संबंधित पात्रों के भी मंदिर बनेंगे.
कामेश्वर चौपाल ने कहा, “अभी जो हमारी प्राप्त भूमि है उसमें निर्माण का काम होगा और 70 फीसदी एरिया ग्रीन क्षेत्र होगा. मगर इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उसमें जो पौराणिक चीजें हैं, जो अयोध्या की पहचान बनती हैं, उन्हें यथावत रखा जाए.”
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