Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी के दिन अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. राम मंदिर में रामलला अपने आसन पर विराजमान भी हो चुके हैं. अब सभी की नजरें प्राण प्रतिष्ठा पर टिकी हैं. बता दें कि 22 जनवरी के दिन सबसे अहम 84 सेकंड होने वाले हैं. इन 84 सेकंड पर सभी की नजर बनी हुई हैं. दरअसल प्राण प्रतिष्ठा में ये 84 सेकंड काफी अहम माने जा रहे हैं.
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क्या है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मूहुर्त
बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मूहुर्त 22 जनवरी यानी सोमवार के दिन दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होगा. मगर ये शुभ मूहुर्त 12 बजकर 30 मिनट 32 संकेड पर खत्म भी हो जाएगा. ऐसे में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में सबसे अहम पूजा इसी 84 सेकंड के बीच होनी हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट, संतों समेत प्राण प्रतिष्ठा में शामिल सभी लोगों की पहली प्राथमिकता यही होगी कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इन्हीं 84 सेकंड के दौरान यानी शुभ मूहुर्त के दौरान हो जाए.
काशी से दिया गया है ये शुभ मूहुर्त
बता दें कि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मूहुर्त वाराणसी के श्री वल्लभराम शालिग्राम साङ्गवेद विद्यालय की तरफ से दिया गया है. इस विद्यालय के ज्योतिष शास्त्र और विद्वानों ने काफी शोध करने के बाद ये शुभ मूहुर्त निकाला है.
शुभ मूहुर्त में बन रहा राजयोग
बता दें कि काशी के प्रतिष्ठित साङ्गवेद विद्यालय का कहना है कि अयोध्या में बने नए मंदिर में 22 जनवरी के दिन करीब 12.30 बजे श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा. इस शुभ मूहुर्त के समय में राजयोग बन रहा है. ऐसे में इस पवित्र आयोजन में सभी को शामिल होना चाहिए.
मंदिर में स्थापित किए गए रामलला
बता दें कि अयोध्या राम मंदिर में राम लला को स्थापित कर दिया गया है. इस दौरान मंदिर निर्माण में शामिल श्रमिकों ने रामलला के सामने हाथ जोड़े और जय श्रीराम के नारे लगे. इससे पहले जहां राम लला का आसन है, उसकी पूजा की गई. बता दें कि पूरे विधि-विधान के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम किया जा रहा है. अब सभी की नजर 22 जनवरी के दिन होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर टिकी हुई हैं.
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