Bijnor News: बिजनौर के भनेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय में टीचर तनवीर आयशा के निलंबन ने एक भावनात्मक और विवादित माहौल पैदा कर दिया है. आपको बता दें कि टीचर तनवीर आयशा पर आरोप था कि उन्होंने तिलक लगाकर आने वाले बच्चों को स्कूल में आने से मना किया था. इस घटना ने न केवल गांव में बल्कि मीडिया में भी हलचल मचा दी. मगर जब टीचर आयशा को स्कूल से विदाई दी गई, तो बच्चों की भावनाओं ने सबको चौंका दिया.
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बच्चों ने कही स्कूल छोड़ने की बात
टीचर आयशा को सस्पेंड करने का आदेश मिलते ही जब वह स्कूल छोड़ने लगीं, तो स्कूल के बच्चे इकट्ठा होकर रोने लगे. यह दृश्य इतना भावुक था कि वहां मौजूद अन्य लोगों के दिल भी पिघल गए. बच्चों ने साफ कर दिया कि अगर आयशा मैडम को स्कूल से निकाला गया, तो वे भी इस स्कूल में नहीं पढ़ेंगे और साथ ही उन्होंने अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) कटवाने की बात कही. बच्चों ने इस बात का भी विरोध किया कि आयशा मैडम ने कभी तिलक लगाने से मना नहीं किया था.
क्या है पूरा मामला?
घटना की शुरुआत तब हुई जब मामले की कथित तौर पर शिकायत की गई और मीडिया ने इसे सुर्खियों में ला दिया. इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरि को सौंपी. जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ बच्चों ने पुष्टि की थी कि उन्हें तिलक लगाकर आने से मना किया गया था, जबकि अन्य बच्चों ने इस घटना से इनकार किया. इसके बावजूद, तनवीर आयशा पर कार्रवाई की गई और 26 अगस्त को उन्हें निलंबित कर दिया गया.
टीचर ने क्या बताया?
टीचर आयशा का कहना है कि उन्होंने कभी किसी बच्चे को तिलक लगाकर आने से मना नहीं किया और यह पूरा मामला एक साजिश के तहत रचा गया है. उनका दावा है कि गांव के कुछ लोग उनसे नाराज थे और उन्होंने ही उन्हें फंसाने की कोशिश की. स्कूल के मुख्य अध्यापक राजेंद्र कुमार का भी कहना है कि ऐसा कोई मामला उनके सामने नहीं आया और यह सबकुछ गांव के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा है. इस घटना ने बच्चों और शिक्षकों के बीच के रिश्ते को उजागर किया है.
बच्चों का टीचर से इतना गहरा लगाव था कि उन्होंने अपने टीचर को स्कूल से जाते हुए देख, भावुक होकर विरोध किया. यह दिखाता है कि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच का रिश्ता केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक माता-पिता और बच्चे जैसा होता है. सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें बच्चे टीचर के लिए रोते हुए दिख रहे हैं. यह घटना अब इस बात को लेकर चर्चा में है कि एक टीचर को आरोपों के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया, जबकि बच्चों और स्कूल स्टाफ ने इन आरोपों को नकारा है.
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