नेपाल के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में शुक्रवार को आए भूकंप के कारण हाहाकार मच गया. इस भूकंप के तेज झटके दिल्ली-एनसीआर के साथ ही यूपी-बिहार में भी महसूस किए गए. इस बीच आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक जावेद मलिक ने आने वाले समय में भारत में भूकंप के खतरे की आशंका जताई है.
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प्रोफेसर जावेद मलिक का कहना है कि एक ही जगह पर भूकंप आना चिंता की बात है. कम मैग्नीट्यूड के ज्यादा भूकंप आना एक बड़े भूकंप की आशंका भी है. नेपाल की तरह उत्तराखंड जोन भी है एक्टिव, वहां पर भी है भूकंप आने की आशंका है.
उन्होंने कहा कि ट्रेंड देखा गया है कि नेपाल में आने वाले भूकंप वेस्ट की तरफ बढ़ रहे हैं और अगर वेस्ट की तरफ बढ़ते हैं तो इसका इफेक्ट उत्तराखंड पर भी आएगा, तो आने वाले समय में एक बड़ा भूकंप उत्तराखंड में भी आएगा.
प्रोफेसर ने कहा कि एक रिसर्च में यह भी सामने आया है कि मानसून के समय क्रैक्स में जब पानी जाता है तो उससे जो वाटर प्रेशर बनता है, उसकी वजह से भूकंप की आशंका बढ़ती जा रही है.
आईआईटी कानपुर में एक प्रोजेक्ट के चलते फॉल्ट लाइंस को चिह्नित किया गया है, जहां भूकंप आने की आशंका है. स्टडी के तहत पता चला कि कितनी मैग्नीट्यूड का भूकंप आ सकता है.
आईआईटी कानपुर की टीम ने ऐसी जगह को चिन्हित किया है, जहां भविष्य में प्लेट्स खिसक सकती हैं. इस रिसर्च से अर्बन डेवलपर और प्लानर्स को आसानी होगी. इस डाटा को इस्तेमाल करके यह पता चल पाएगा कि किन जगहों पर भारी कंस्ट्रक्शन और प्रोजेक्ट्स नहीं लाने हैं, ताकि भूकंप की संभावना और बड़े नुकसान न हो.
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