लखनऊ: मलबे में फंसे थे कई लोग, ‘ड्रोन मैन’ मिलिंद ने इस डिवाइस को बनाकर किया कमाल

सत्यम मिश्रा

• 03:03 AM • 26 Jan 2023

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मंगलवार रात बड़ा हादसा हो गया. यहां लखनऊ का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज में 5 मंजिला इमारत…

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Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मंगलवार रात बड़ा हादसा हो गया. यहां लखनऊ का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज में 5 मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई थी. इमारत में तकरीबन 15 परिवार रहते थे. घटना के बाद पुलिस-प्रशासन, स्वास्थ्य कर्मी, एनडीआरएफ और एसजीआरएफ ने मोर्चा संभाला. इसके आलावा एक ऐसे वैज्ञानिक भी थे जो इस पूरी घटना से काफी विचलित हो गए थे. दरअसल, भारत के ड्रोन मैन कहे जाने वाले मिलिंद राज खुद को नहीं रोक पाए और वह घटनास्थल पर पहुंच गए. रेस्क्यू प्रक्रिया में अपनी विज्ञान नीति से मदद करने लगे. इस दौरान वह अपने ड्रोन के साथ-साथ अन्य उपकरण भी लेकर हादसे वाली जगह पर पहुंचे थे.

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रोबोटिक वैज्ञानिक मिलिंद राज ने यूपी तक को बतया कि हाई फ्रिकवेंसी ऑडियो रिसेप्टर के जरिए उन्होंने मलबे के नीचे दबे लोगों से बात की. इसके चलते पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को यह पता चल सका कि मलबे के नीचे कुल कितने लोग दबे हुए हैं. इस दौरान कुछ लोगों ने अपने नाम भी बताए और यह भी बताया कि वह कि मलबे के किस तरफ फंसे हुए हैं. मिलिंद राज ने बताया कि एक वृद्ध महिला की करहाने की भी आवाज उन्होंने अपने हाई फ्रिकवेंसी ऑडियो रिसेप्टर में सुनी.

वैज्ञानिक मिलिंद ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि सर्च टेक्नोलॉजी में कंडेनसर माइक रिच एक्सटेंशन फाइन ऑडियो प्रोसेसर एवं फोकस नॉइस कैंसिलेशन जैसी तकनीकों का प्रयोग किया गया और इस इस प्रोटोटाइप सर्च टेक्नोलॉजी को बनाने में लगभग 3 से 4 घंटे का वक्त लगा.

बकौल मिलिंद, इसको बनाने का आईडिया उन्हें तब आया जब उन्होंने घटनास्थल पर जाकर पूरा मंजर देखा और फिर इक्विपमेंट बनाने के बाद इसकी मदद से मलबे में फंसे हुए लोगों को लोकेट करने में बहुत मदद प्राप्त हुई. वहीं, इस टेक्नोलॉजी की वजह से मलबे में फंसे हुए लोगों से कम्युनिकेशन लिंक बन पाया और मलबे में फंसे व्यक्तियों की हालत का एक बेहतर अनुमान लगाने में यह ऑडियो रिसेप्टर बेहद मददगार साबित हुआ.

रोबोटिक वैज्ञानिक मिलिंद ने यह भी कहा कि इंसान जब मलबे में फंसा होता है तो उसको समय के साथ ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से रेस्क्यू टीम अप्रोच के जरिए सही जगह पर ऑक्सीजन सप्लाई देने में सफल रही थी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने में सक्षम हो पाई.

आपको बता दें कि मिलिंद राज लखनऊ के रहने वाले हैं और एक प्रसिद्ध रोबोटिक साइंटिस्ट हैं. इन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत का ड्रोन मैन का खिताब दिया था. मिलिंद जीवन रक्षक टेक्नोलॉजी बनाने में एक्सपर्टीज हैं. मिलिंद ने भारतीय सेना के लिए भी विभिन्न प्रकार के ड्रोन्स और तकनीक डेवेलप की है. साथ ही साथ कृषि, मेडिकल, हेल्थ सेक्टर, पर्यावरण और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में देशवासियों के हित के लिए विभिन्न प्रकार के विस्तृत तकनीक बनाई हैं.

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