UP Constable Recruitment Exam : उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के दावों पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. 17 और 18 फरवरी को यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा खत्म होने के बाद से ही पेपर लीक होने के दावे सोशल मीडिया पर किये जाने लगे. अभ्यर्थी दावा कर रहे हैं कि 18 फरवरी की सेकंड शिफ्ट में हुआ पेपर लीक हो गया. वहीं इस शिफ्ट में पेपर के दौरान लखनऊ में पकड़े गए एक अभ्यर्थी से बरामद नकल की पर्ची के आधार पर एक FIR दर्ज करवाई गई. FIR उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने दर्ज करवाई.
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इंस्पेक्टर की तरफ से दर्ज कराई गई इसकी तहरीर में लिखा गया कि सुनियोजित ढंग से पेपर लीक किया गया जो अपराध की श्रेणी में आता है. क्या है ये पूरा मामला आइए आपको बताते हैं.
नकल करते हुए पकड़ा गया था युवक
18 फरवरी को दूसरी शिफ्ट में हुए पेपर के दौरान सिटी मॉडर्न एकेडमी अलीपुर में परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार के पास से हाथ से लिखी हुई नकल की पर्ची मिली थी. ड्यूटी के दौरान नकल करते पकड़े गए अमन कुमार से हाथ से लिखे सवाल की पर्ची बरामद हुई तो ड्यूटी पर तैनात पुलिस टीम को बुलाया गया. जिसके बाद मोहनलालगंज मे तैनात इंस्पेक्टर रामबाबू सिंह ने परीक्षा अधिनियम में केस दर्ज करवा दिया. इंस्पेक्टर ने अपनी तहरीर में अभ्यर्थी अमन कुमार से मिली हर एक पर्ची का जिक्र किया है. हाथ से लिखी पर्ची और उन पर लिखे सवालों के जवाब को तहरीर में बताया गया.
पर्ची से मिल रहे थे प्रश्नपत्र के सवाल
दर्ज कराई गई एफआईआर की तहरीर में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर ने लिखा कि हस्तलिखित प्रश्न पत्र जो परीक्षार्थी के मोबाइल पर आया है, का मिलान मूल परीक्षार्थी की मूल प्रश्न पुस्तिका से मिलन किया गया तो प्रश्न संख्या अलग-अलग है लेकिन प्रश्न सभी मैच कर रहे हैं. इस प्रकार सुनियोजित तरीके से प्रश्न लीक किया गया जो अपराध की श्रेणी में आता है. पकड़े गए अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार ने पुलिस की पूछताछ में इस बात की स्वीकार किया था कि उसके दोस्त नीरज ने व्हाट्सएप पर उसे पेपर परीक्षा से पहले ही भेज दिया था. जिसकी पर्ची उसने तैयार की थी. पुलिस ने पूछताछ के बाद अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है.
वहीं इस पूरे मामले पर एडीसीपी साउथ शशांक सिंह का कहना है कि, ' एफआईआर प्रथम सूचना रिपोर्ट होती है. जो आरोप लगाए जाते हैं इसकी पुष्टि विवेचना के बाद होगी. एफआईआर भले ही एक इंस्पेक्टर के द्वारा लिखाई गई हो लेकिन विवेचना के बाद ही आरोप की पुष्टि होगी.'
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