आगरा का ताजमहल नहीं वृंदावन का प्रेम मंदिर भी Eternal Love का प्रतीक, कैसे पहुंचे यहां, जानें दर्शन की टाइमिंग

यूपी तक

09 Aug 2023 (अपडेटेड: 09 Aug 2023, 06:59 AM)

Agra Tourism: अक्सर हम उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित दुनिया के अजूबों में शामिल ताजमहल को प्रेम का प्रतीक मानते हैं. मानें भी क्यों…

ताजमहल ही नहीं प्रेम मंदिर भी है प्यार का प्रतीक! कैसे पहुंचे यहां? जानें दर्शन की टाइमिंग

ताजमहल ही नहीं प्रेम मंदिर भी है प्यार का प्रतीक! कैसे पहुंचे यहां? जानें दर्शन की टाइमिंग

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Agra Tourism: अक्सर हम उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित दुनिया के अजूबों में शामिल ताजमहल को प्रेम का प्रतीक मानते हैं. मानें भी क्यों न, प्रेम के लिए इतने भव्य निर्माण का दूसरा जोड़ है भी कहां. हालांकि अगर आप शास्वत प्रेम के प्रतीकों की तलाश में हैं, तो मथुरा के वृंदावन में राधा-कृष्ण की धरती पर भी इसकी एक वैभवशाली गवाही मौजूद मिलेगी. वह गवाही है वृंदावन का प्रेम मंदिर. अगर आप वीकेंड में कहीं निकलने का प्लान कर रहे हैं, तो प्रेम मंदिर आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है. यहां हम आपको प्रेम मंदिर का इतिहास, इसकी खासियत, यहां पहुंचने का तरीका और मंदिर में दर्शन की टाइमिंग समेत तमाम जरूरी जानकारियां दे रहे हैं.

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कब बना प्रेम मंदिर?

प्रेम मंदिर को मथुरा के वृंदावन में जगद्गुरु कृपालु परिषद ने बनवाया है. यह एक अंतराष्ट्रीय धर्मार्थ ट्रस्ट है, जो शिक्षा और आध्यात्म की दिशा में बड़े पैमाने पर काम करता है. प्रेम मंदिर इतना भव्य है कि इसको बनाने में कुल 12 साल लगे हैं. 1000 श्रमिकों की मेहनत का नतीजा है प्रेम मंदिर. इस मंदिर का निर्माण 2001 में शुरू हुआ था और 15 फरवरी से 17 फरवरी 2012 में एक उद्घाटन समारोह का आयोजन कर इसे आम लोगों के दर्शनार्थ खोला गया.

प्रेम मंदिर बनाने में कितना हुआ खर्च: प्रेम मंदिर जितना देखने में भव्य है, उसके हिसाब से कोई भी ये अनुमान लगा सकता है कि इसे बनाने में अच्छी खासी धनराशि खर्च हुई है. मथुरा जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक प्रेम मंदिर को बनाने में 150 करोड़ रुपये की लागत आई है.

प्रेम मंदिर के शानदार स्थापत्य को जानें- Prem Mandir, an Architectural Marvel

वृंदावन के प्रेम मंदिर का सौंदर्य अद्भुत है. यह मंदिर वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड़ के विशाल परिसर में स्थित है. मंदिर को राधा-कृष्ण और सीता-राम को समर्पित किया गया है. प्रेम मंदिर को इसके विशेष आकार और डिज़ाइन की वजह से जाना जाता है. जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के मार्गदर्शन में निर्मित यह मंदिर 125 फीट ऊंचा है. इसके विशाल ब्लॉक शुद्ध सफेद इटैलियन कैरारा संगमरमर से बने हैं.

प्रेम मंदिर की नींव 20 फीट गहरी है. इसमें ग्रेनाइट भरा गया है ताकि भूकंप जैसी स्थिति में भी मंदिर को नुकसान न पहुंचे. इसके निर्माण में किसी भी प्रकार के लोहे या सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है. मंदिर की सभी ईंटें और पत्थर बिना किसी जोड़ के एक साथ रखे गए हैं. यह मंदिर एक अद्भुत इंजीनियरिंग का प्रतीक है, उस इंजीनियरिंग का, जो प्राचीन भारत में मंदिरों को बनाए जाने में इस्तेमाल की जाती थी.

प्रेम मंदिर की नक्काशी आपका मन मोह लेगी- Carving of Prem Mandir will fascinate you

प्रेम मंदिर में आपको राधा और कृष्ण की अमर प्रेम कहानी के दर्शन होंगे. मंदिर के इंटीरियर में आपको वैदिक दर्शन उकेरा हुआ दिखाई देगा. बाहर में 84 पैनल भी लगाए गए हैं, जिसमें श्रीमद भागवत के मुताबिक बताई गई श्रीकृष्ण की कहानी दिखाई गई है. श्रीकृष्ण की लीलाएं उनके कालक्रम के हिसाब से दी गई हैं, जो आपको आह्लादित कर देंगी. प्रेम मंदिर का आर्किटेक्चर बेहद खास है.

प्रेम मंदिर में दिखेंगी श्रीकृष्ण की चार लीलाएं

आप श्रद्धालु हों या आम टूरिस्ट, प्रेम मंदिर आपको हमेशा आकर्षित करता ही है. प्रेम मंदिर में आपको खूबसूरत हरियाली, फव्वारे का भी दीदार होता है. इसके अलावा प्रेम मंदिर में आपको श्रीकृष्ण की चार लीलाएं कृष्ण झूलन लीला, गोवर्धन लीला, रास लीला और कलिया नाग लीला का भी दर्शन होता है.

प्रेम मंदिर में दर्शन की टाइमिंग क्या है? Prem Mandir Darshan timing

अगर आप प्रेम मंदिर जा रहे हैं, तो आपको इसकी टाइमिंग का खास ख्याल रखना होगा. जगद्गुरु कृपालु परिषद की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक प्रेम मंदिर के खुलने का समय सुबह 5:30 बजे से सुबह 5:30 बजे, सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे और शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे तक है.

प्रेम मंदिर म्यूजिकल फाउंटेन टाइमिंग: गर्मी में शाम 7:30 बजे और जाड़े में शाम 7:00 बजे.

प्रेम मंदिर में आरती और पूजा की टाइमिंग: सुबह 5:30 बजे, शाम 4:30 बजे और रात 8:30 बजे रोजाना.

प्रेम मंदिर कैसे पहुंचे? How to reach Prem Mandir

प्रेम मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको मथुरा के वृंदावन पहुंचना होगा. यहां तक पहुंचने के लिए आप अपनी सुविधा के मुताबिक एयर, ट्रेन, रोड किसी भी कनेक्टिविटी का इस्तेमाल कर सकते हैं.

प्रेम मंदिर की एयर कनेक्टिविटी (Prem Mandir By Air)

प्रेम मंदिर की दिल्ली एयरपोर्ट से प्रेम मंदिर की दूरी 151 किमी है. आप दिल्ली एयरपोर्ट तक फ्लाइट से पहुंचने के बाद यहां से टैक्सी सर्विस ले सकते हैं. इसके अलावा दिल्ली से पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी आपको आसानी से मथुरा, वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर तक पहुंचा सकता है.

प्रेम मंदिर ट्रेन कनेक्टिविटी (Prem Mandir By Train)

देश के बड़े शहरों से मथुरा की ट्रेन कनेक्टिविटी अच्छी है. मथुरा में दो रेलवे स्टेशन हैं. मथुरा जंक्शन और मथुरा कैंट, इन दोनों स्टेशनों पर ट्रेन से पहुंचने के बाद आपको प्रेम मंदिर पहुंचने के तमाम स्थानीय साधन मिल सकते हैं.

प्रेम मंदिर रोड कनेक्टिविटी (Prem Mandir By Road)

मथुरा के लिए देश के बड़े शहरों से रोड कनेक्टिविटी शानदार है. अगर आप दिल्ली की तरफ से आ रहे हैं तो यमुना एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर मथुरा पहुंच सकते हैं. लखनऊ की तरफ से लखनऊ एक्सप्रेसवे है, जो आपको यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते यहां लाता है. इसके अलावा मथुरा नेशनल और स्टेट हाइवे से भी अच्छे से कनेक्ट है.

प्रेम मंदिर, वृंदावन में स्थित एक हिंदू मंदिर है. इस मंदिर को भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित किया गया है. मंदिर का निर्माण जगद्गुरु कृपालु परिषद, एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी, शैक्षणिक, आध्यात्मिक, धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा किया गया था. मंदिर का निर्माण 2001 में शुरू हुआ और 2012 में पूरा हुआ. मंदिर को सफेद संगमरमर से बनाया गया है और इसकी ऊंचाई 125 फीट है. मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियां स्थापित हैं. मंदिर में एक विशाल प्रांगण है, जिसमें एक सत्संग हॉल, एक पुस्तकालय, एक भोजनालय और एक गेस्ट हाउस है. मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और हर साल लाखों लोग मंदिर की यात्रा करते हैं.

निष्कर्ष के रूप में हम सकते हैं कि वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो राधा-कृष्ण और सीता-राम को समर्पित है. इसकी वास्तुकला शानदार और सफेद संगरमरमर का इस्तेमाल इसे भव्यता देता है. यहां स्टोर और कैंटीन की सुविधा भी है. बीते सालों में यह एक लोकप्रिय जगह के रूप में उभरा हैं, जहां लाखों की संख्या में टूरिस्ट और श्रद्धालु आते हैं. प्रेम मंदिर आपको शास्वत प्रेम की भावना के साथ आध्यात्किता से भी रूबरू होने का मौका देता है.

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