Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रामपुर कारखाना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की पूर्व विधायक गजाला लारी (Ghazala Lari) और उनके बेटे समेत आठ के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर सलेमपुर कोतवाली पुलिस ने वसूली, गबन और धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है. आपको बता दें कि यह अभियोग पूर्व विधायक के ड्राइवर मंसूर आलम की तहरीर पर दर्ज हुआ है.
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ये है मामला
आरोप है कि पीड़ित ड्राइवर ने ईंट उद्योग लगाने के लिए अपनी पत्नी के नाम एक जमीन खरीदी थी. आरोप है कि 16 अप्रैल 2022 को विधायक के बेटे मंजूर लारी अपनी गाड़ी में बिठाकर आवास पर ले गए जहां पर पहले से ही जमीन के तैयार किए गए कागजात रखे थे. वहां पर हथियार के बल पर साइन करा लिए गए और विधायक के ही इशारे पर ईट, ट्रैक्टर ट्राली और मारुति कार को हड़प लिया.
थाना प्रभारी सलेमपुर कोतवाली जितेंद्र सिंह ने बताया, “156-3 के तहत सपा की पूर्व विधायक गजाला लारी, मंजूर लारी, अजय सिंह, संदिप सिंह और चार अज्ञात के खिलाफ धारा 386,406,420,504 और 506 के तहत केस दर्ज करवाया गया है.
यूपीतक ने की पूर्व विधायक से बातचीत
इस मामले में पूर्व विधायक गजाला लारी ने यूपीतक से फोन पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि आरोप बेबुनियाद है और मंसूर 25 वर्षों से उनके यहाँ काम कर रहा था. धीरे-धीरे इसने गलतियां करनी शुरू कर दी. लोगों से मारपीट कर उन्हें धमकाने लगा था, जिसकी वजह से उन्होंने उसे अपने यहां से निकाल दिया था.
पूर्व विधायक ने बताया, “जमीन को उसने खुद उनके नाम लिखा है. जबरदस्ती की कोई बात नहीं है, जिस जमीन की बात वह कह रहा है वह जमीन एक किसान की है जो उनके अपने स्कूल के बगल में है. एक बार उस किसान के बच्चे की सेहत खराब थी तो उन्होंने मंसूर के जरिए मदद की मांग की थी. इकसे बाद हमने इसी के जरिए उस किसान को पैसा भिजवा दिया था.
सपा की पूर्व विधायक ने कहा कि, “कुछ दिन बाद उन्होंने कहा कि मैं पैसे नहीं दे पाऊंगा, लेकिन जमीन दे दूंगा. तब हमने कहा की अभी जमीन की कोई जरूरत नहीं है जब पूरा पैसा दे दूंगी तब आप लिखिए क्योंकि अभी मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं जमीन खरीद सकूं.” उन्होंने आगे कहा कि उस किसान को जब पैसे की जरूरत पड़ती थी तो वह हमसे आकर ले लेते थे या मंसूर के जरिए मंगा लेते थे. जब इस बार का चुनाव खत्म हुआ तब इसके 10 से 15 दिन बाद मंसूर ने उनको झूठ बोल कर धोखा देकर जमीन अपनी पत्नी के नाम लिखवा ली.”
उन्होंने कहा कि, मंसूर ने किसान से कहा कि विधायक जी ने कहा है कि जमीन मेरे पत्नी के नाम लिख दीजिए. किसान समझें कि मैंने ये बात कही है और उन्होंने जमीन उसकी पत्नी के नाम कर दी.
ड्राइवर का ये है आरोप
थाना लार क्षेत्र के फतेहनगर के रहने वाले मंसूर आलम ने पूर्व विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट की शरण ली थी. पीड़ित ने कहा कि, “विधायक ने उसे 12 हजार रुपये के वेतनमान पर ड्राइवर के तौर पर साल 1996 से रखा था, जिसका वेतन 10 जुलाई 2004 तक मिलता रहा. विधायक ने कहा की खाने-पीने का रोज का तुम्हारा खर्चा चल ही रहा है तो वेतन का क्या करोगे? तुम्हारा यह पैसा मैं जमा करती रहूंगी और जब कोई बड़ा काम करना होगा तो पैसा ले लेना.”
ड्राइवर का आरोप है कि कुछ समय बाद उसने विधायक से कहा कि उसके परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है, इसलिए ईंट का (इंटरलॉकिंग) उद्योग लगाना चाहता है, जिसमें उसको पैसे की जरूरत पड़ रही है. इस पर विधायक ने अपने करीबी अजय कुमार सिंह से एक जमीन उपलब्ध कराई. अजय सिंह जमीन देने के लिए तैयार हो गए तो विधायक ने दो लाख रुपये दिए और खुद मैंने रिश्तेदारी से दो लाख उधार मांग कर चार लाख रुपयों से वर्ष 2011 में ईंट उद्योग लगवाया, जिसका काम मेरी पत्नी देख रही थी.
पीड़ित ने बताया कि, “इसके बाद विधायक से मिलकर पैसों का हिसाब करने के लिए कहा, लेकिन विधायक द्वारा टाल दिया गया. इस दौरान पुरानी मशीनों से बने ईंट की गुणवत्ता को देखते हुए सरकारी कामों में इस ईट के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित लगा दिया गया.
मंसूर आलम ने कहा कि पत्नी के नाम 25 लाख रुपए का ऋण लेकर 5 फरवरी 2020 को इंटरलॉकिंग ईट उद्योग लगाया, लेकिन 2 साल बाद ही अजय कुमार सिंह अपनी जमीन खाली करने के लिए कहने लगे. तब उद्योग की आय से 2022 को भूमि खरीदी. जमीन लेने के बाद विधायक से हमने कहा कि मेरा हिसाब कर दीजिए क्योंकि लोन ज्यादा हो गया है. अजय कुमार सिंह जमीन खाली करवा रहे हैं. इस पर विधायक नाराज होकर कहने लगी कि तुम ज्यादा समय उद्योग पर लगा रहे हो. तुम हमारे कोई काम नहीं करते थे. बुलाने पर आते नहीं थे. तुमको पैसा नहीं मिलेगा.
ड्राइवर मंसूर का आरोप है कि पूर्व विधायक के कहने पर अजय सिंह और संदीप सिंह द्वारा हमारे उद्योग लगे स्थान पर जाकर पत्नी, लेबरों को गाली दी गई और धमकी दी गई. इस दौरान 70 हजार तैयार ईंट, मारुति कार और ट्रैक्टर ट्राली पर कब्जा कर लिया है.
इस मामले में सलेमपुर कोतवाली थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया, “मंसूर आलम की तहरीर पर कोर्ट के आदेश पर 156-3 के तहत पूर्व विधायक समेत आठ के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है. विवेचना की जा रही है.”
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