बीच में दीवार नहीं बनाई और एक साथ लगाई 4 टॉयलेट सीटें, अमेठी में बना ‘निराला’ शौचालय

अभिषेक त्रिपाठी

• 04:03 AM • 16 Sep 2023

Amethi News: उत्तर प्रदेश के अमेठी से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक सार्वजनिक शौचालय में बिना दीवार बनाए 4 टॉयलेट…

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Amethi News: उत्तर प्रदेश के अमेठी से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक सार्वजनिक शौचालय में बिना दीवार बनाए 4 टॉयलेट सीटें एक साथ ही लगा दी गई. इन टॉयलेट सीट को अलग-अलग करने के लिए ना ही बीच में दीवार बनाई गई और ना ही गेट बनाए गए. अब इस सार्वजनिक शौचालय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

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इस सार्वजनिक शौचालय का वीडियो वायरल होने के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इस सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल लोग कैसे करते होंगे? इसी के साथ लोग सोशल मीडिया पर जिम्मेदारों के प्रति भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. 

क्या है मामला

दरअसल ये पूरा मामला जनपद के जगदीशपुर विधानसभा के कटेहेटी गांव से सामने आया है. यहां सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होना था. मगर जिम्मेदारों ने ऐसा सार्वजनिक शौचालय बना डाला कि इसका इस्तेमाल शायद ही कोई करता हो. 

यहां सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के नाम पर 4 टॉयलेट सीटें एक साथ लगा दी गई. उनको अलग करने के लिए ना ही बीच में दीवार बनाई गई और ना ही गेट बनाए गए. मामला तब सामने आया जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. 

यूपी कांग्रेस बोली- दुनिया का आठवां अजूबा है ये

अब ये वीडियो उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी X (पूर्व ट्वीटर) पर पोस्ट किया है. यूपी कांग्रेस ने इसको लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर निशाना साधा है. यूपी कांग्रेस की तरफ से कहा गया है, “ अमेठी में बने इस सार्वजनिक शौचालय को दुनिया का आठवां अजूबा घोषित कर दिया जाए तो कैसा रहेगा. देखिये. यहां पांच सीटें बिछाई गई हैं और उनके बीच कोई दीवार नहीं. बल्कि, ये ऐसे लगी हैं जैसे किसी हॉल में पांच चारपाइयां पड़ी हों. अब भाई ये बनी है एक्सीडेंटल सांसद महोदया महारानी मैडम के क्षेत्र में. फिर, इसका कुछ अलग होना तो बनता है ना. हालांकि, समझने वाली बात ये है कि पैसा तो सारी दीवारों का भी आया होगा. फिर उन्हें कौन खा गया? ठेकेदार, अधिकारी, मंत्री या सब मिलजुल कर.”

शासन ने दी गजब की सफाई

बता दें कि इस वीडियो के सामने आते ही आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी साफ सफाई करवाई है. वह अपने बचाव में वायरल वीडियो को ही गलत बता रहे हैं. अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि इसको छोटे बच्चों के प्रयोग के लिए बनाया गया है. आपको बता दें कि शासन द्वारा इस तरह से शौचालय बनाने को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया है. 

ग्राम प्रधान बोला- हमारे समय में नहीं बना ये सार्वजनिक शौचालय

इस मामले के सामने आने के बाद गांव के ग्राम प्रधान जावेद ने कहा,  हमारे कार्यकाल में इसे नहीं बनाया गया है. अब ये कैसे बना इसके बारे में हमें नहीं पता. अधिकारी आए थे. यहां जो कमी थी, उसे सही कर दिया जाएगा. 

गांव के लोगों का ये भी कहना है कि वह अपनी बच्चियों को यहां नहीं भेजते. इस सार्वजनिक शौचालय का निर्माण गलत तरीके से किया गया है. गांव के लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द इस सार्वजनिक शौचालय को ठीक किया जाना चाहिए.

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