Uttar Pradesh News: जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, यह कहावत कानपुर (Kanpur News) के 65 वर्षीय बुजुर्ग अलख प्रकाश पर बिल्कुल ठीक बैठती है. बता दें कि कानपुर के 65 वर्षीय बुजुर्ग एक एक्सीडेंट में इस प्रकार घायल हुए की बस में लगी लोहे की रोड उनके सीने से आर पार हो गई. देखने वालों को लगा कि बुजुर्ग नहीं बचेंगे लेकिन डॉक्टरों की मेहनत और अलख प्रकाश की किस्मत से उनकी जान बच गई.
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हुआ था भयानक हादसा
दरअसल, जालौन के रहने वाले अलख प्रकाश रविवार रात को कानपुर के अरमापुर में गन फैक्ट्री के पास बस में जा रहे थे कि इतने में एक लोडर से टक्कर होने के कारण बस में लगी लोहे की रोड टूट कर उनके सीने से आर पार हो गई. आनन फानन में उन्हें गंभीर स्थिति में कानपुर के हैलट अस्पताल के ट्रॉमा इमरजेंसी में लाया गया. जब विशेषज्ञ डॉक्टर पहुंचे और जांच की तो पता चला कि लोहे की रॉड दिल के बिल्कुल करीब से गुजरी है ऐसे में जान का खतरा बना हुआ है. पहले तो डॉक्टरों ने कटर से रोड को काटा फिर घंटे तक सर्जरी की जिसके बाद बुजुर्ग की जान बच पाई.
सीने से आप-पार हो गई थी लोहे की रॉड
जब बुजुर्ग के परिजन अस्पताल पहुंचे और इन सब बातों का उन्हें पता चला तो डॉक्टर का आभार करते हुए उनकी आंखें भर आई. जानकारी के मुताबिक, जालौन के कोटड़ा गांव निवासी अलख प्रकाश बस में गेट के बिल्कुल पास वाली सीट पर बैठे थे और जैसे ही रोडवेज बस की टक्कर लोडर से हुई बस में लगी लोहे की रोड उनके दाहिने हाथ को चीरते हुए सीने में बाएं तरफ से आर पार हो गई. खून भी लगातार बहने लगा, बस में जिसने भी यह दृश्य देखा उसने सोचा कि अब बुजुर्ग की जान नहीं बच पाएगी.
डॉक्टरों ने किया कमाल
लेकिन बस चालक और कंडक्टर की मदद से फॉरेन एंबुलेंस बुलाई गई और 45 मिनट के अंदर बुजुर्ग को हैलेट अस्पताल में भर्ती कर दिया गया. एलिट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने बताया कि बुजुर्ग के छाती से रोड आर पार होने की वजह से उन्हें लिटाकर सर्जरी करने में समस्या आ रही थी ऐसे में कटर मशीन की मदद से पहले रोड काटी गई. बुजुर्ग में भी काफी हिम्मत दिखाई और बिना एनेस्थीसिया के ही रोड व इसके बाद उनकी सर्जरी की गई.
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