मकर संक्रांति पर बांदा के इस किले में लगता है कपल्स का मेला, प्रेमियों की होती है हर मुराद पूरी

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बांदा में मकरसंक्रांति (Makar Sankranti 2024)  के त्योहार के दिन एक अनोखा मेला देखने को मिलता है. जहां…

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बांदा में मकरसंक्रांति (Makar Sankranti 2024)  के त्योहार के दिन एक अनोखा मेला देखने को मिलता है. जहां बड़ी संख्या में प्रेमी जोड़े यानी कपल्स पहुंचते हैं और अपनी अपनी मन्नते मांगकर पूर्ण होने विश्वास रखते हैं. इस किले की भी कहानी किसी फिल्मी प्रेम कहानी से कम नही है. कपल्स किले के पास बह रही बांदा की जीवनदायिनी केन नदी में स्नान कर मंदिर के दर्शन करते हैं. यह मुख्यालय से महज कुछ ही दूर है. इस किले को भूरागढ़ का किला कहा जाता है, जो लगभग 650 वर्षों से बना हुआ है जिसकी एक अलग प्रेम कहानी है. ये किला बलिदानियों के भी जाना जाता है. जहां कई सौ साल पूर्व कई लोगो ने अपनी जान गवाई थी.

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किले से जुड़ी से ऐसी कहानी

कहा जाता है कई सौ साल पूर्व इस किले में एक राजा रहा करते थे जिसकी बेटी को नांच दिखाने वाले नट से प्यार हो गया था, दोनो एक दूसरे से बहुत प्रेम करते थे और शादी करना चाहते थे लेकिन राजा बहुत ही तपस्वी और ब्रह्मचारी था. जब इस प्यार की कहानी की जानकारी राजा को हुई तो उसने अपने मंत्रियों से सलाह लेकर एक रणनीति बनाई.

राजा ने बेटी की शादी के लिए रखी थी शर्त

उस करतब दिखाने वाले नतबलि को बुलाया और शर्त बताया गया, जिस पर उस प्रेमी ने अपने प्यार के खातिर शर्त स्वीकार किया. शर्त यह थी कि तुम यदि केन नदी से किले तक का सफर एक रस्सी के सहारे से तय कर लिया तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूंगा, नदी के दोनो छोरो पर रस्सी बांधी गयी, नट ने रस्सी के सहारे चलना शुरू किया और जब आधे से ज्यादा रास्ता तय भी कर लिया था.

अधुरा रहा था प्यार

जब राजा जान गया कि ये शर्त पूरी कर लेगा और मुझे अपनी बेटी की शादी करना पड़ जायेगा. जिसके बाद क्रोध में आकर राजा ने उस रस्सी को तोड़ने के लिए कई औजारों का प्रयोग किया लेकिन रस्सी टूटी नही, लेकिन अंत मे रस्सी टूट ही गयी और उस नट की नदी में डूबने से मौत हो गयी, जिसकी याद में वहां एक मंदिर बनवाया गया था, जहां हर साल मकरसंक्रांति के दिन हर साल यहां कपल्स अपनी मन्नते मांगने आते हैं.

इस बार ऐसी हैं व्यवस्थाएं

मेले को देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. सीडीओ वेद प्रकाश मौर्य ने जिले के पुलिस अधिकारियों, पंचायत, रेल प्रशासन सहित अन्य विभागों के साथ बैठक की और सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के आदेश दिए. बताया कि किले के किनारे केन नदी है, जिस कारण cctv की भी व्यवस्था की गई है, पुलिस के साथ गोताखोर भी मौजूद रहेंगे.

 

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