शिवाजी के राज्याभिषेक के बाद अब राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कराएंगे गागाभट्ट के वंशज

रोशन जायसवाल

• 09:30 AM • 10 Dec 2023

Uttar Pradesh News : काशी के लिए गौरव की बात है कि अयोध्या में बनकर तैयार नवनिर्मित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में राम लला…

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Uttar Pradesh News : काशी के लिए गौरव की बात है कि अयोध्या में बनकर तैयार नवनिर्मित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में राम लला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का सारा कर्मकांड काशी के विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में होगा. इससे भी ज्यादा गौरव और अचरज की बात यह है कि 86 वर्ष के बुजुर्ग लक्ष्मीकांत दीक्षित के 11 पीढी पहले इनके वंश के गागा भट्ट ने ही लगभग 350 साल पहले महाराष्ट्र जाकर 1674 ई. में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था.

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राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कराएंगे गागाभट्ट के वंशज

यूपी तक से खास बातचीत में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बताया कि गागा भट्ट जी अपने समय के बहुत बड़े विद्वान थे. जिनको महाराष्ट्र से बुलाया गया और वे काशी से जाकर छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक कराकर उनको गद्दा पर आसिन कराया. लक्ष्मीकांत दीक्षित के बेटे सुनील दीक्षित ने बताया कि उनके 11 पीढ़ियों का इतिहास उनको पता और गागा भट्ट हमारे वंश परंपरा में आते है. काशी से ही विद्वान को बुलावा आने के सवाल पर सुनील दीक्षित ने बताया कि उस वक्त वहां के विद्वानों में काफी मतभेद था. इसलिए काशी से विद्वान के रूप में गागा भट्ट जी गए और शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया.

पूर्वजों ने किया था शिवाजी महाराज का राजतिलक

लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके बेटे सुनील दीक्षित ने बताया कि यह दोहरी खुशी की बात है कि हमारी वंश परंपरा के गंगा भट्ट जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था और अब उनको मौका मिल रहा है राम लला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का.

राम मंदिर का ऐसा है कार्यक्रम

अपने पिता के साथ राम लला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के कर्मकांड में हिस्सा लेने वाले पंडित सुनील दीक्षित ने बताया कि, ’16 जनवरी ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान और विष्णु पूजन पंचगव्य प्राशन और गो दान होगा. 17 जनवरी जलयात्रा कलशयात्रा और मूर्ति का नगर भ्रमण. 18 जनवरी विधिवत प्राणप्रतिष्ठा की विधि का आरंभ मध्याह्न के बाद प्रधान संकल्प, गणेश अम्बिका वरुण पूजन, पुण्याहवाचन, मातृका पूजन, नान्दी श्राद्ध, ब्राह्मण वरण, मंडप प्रवेश, वास्तु पूजन, कुटीर कर्म एवं जलाधिवास 19 जनवरी अग्निस्थापन (अरणीय मंथन) द्वारा अग्नि प्राकट्य, नवग्रह स्थापन प्रधान स्थापन एवं होम आदि.’

उन्होंने आगे बताया कि, ’20 जनवरी प्रासाद स्नपन मंदिर का 81 कलशों से स्नान, वास्तु शांति, अन्नाधिवास आदि. 21 जनवरी अन्य पूजन, हवन आदि एवं मूर्ति का दिव्य स्नान लगभग 125 कलशों से, शय्याधिवास एवं मूर्ति न्यास. 22 जनवरी नित्य पूजन और शुभ मुहूर्त में लगभग मृगशिरा नक्षत्र में मध्याह्न काल मे प्राण प्रतिष्ठा महापूजा और पहली महाआरती.’

पीएम मोदी होंगे यजमान

सुनील दीक्षित ने आगे बताया कि, ‘बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान की भूमिका में रहेंगे और 22 जनवरी को दोपहर 12 से 1 बजे के बीच में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शुभ मुर्हूत में करा दी जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि पूरे भारत से कर्मकांड में 150 विद्वानों के आने की उम्मीद है. जिसमें काशी से 40-50 हो सकते है. चयन चल रहा है. सभी विद्वान 15 जनवरी की शाम तक अयोध्या में जुट जाएगे और अपने कार्य में भी लग जाएगें.’

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