CM Yogi Vyas Tahkhana News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. वहीं, इस मौके पर सीएम योगी व्यास जी के तहखाने में भी गए. बता दें कि बीते दिनों वाराणसी की एक अदालत ने हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दी थी. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का दौरा प्रस्तावित है. इस दौरे को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा लेने ही सीएम योगी वाराणसी पहुंचे थे.
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व्यास जी के तहखाने में सीएम योगी ने क्या किया?
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा के अनुसार, सीएम योगी मंगलवार रात करीब 8 बजे काशी विश्वनाथ पहुंचे थे. सबसे पहले उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद वह व्यासजी के तहखाने पहुंचे. व्यासजी के तहखाने में उन्होंने मूर्तियों के झांकी दर्शन किए. इसके साथ-साथ तहखाने के सामने सीएम ने नंदीजी के भी दर्शन किए.
विश्व भूषण मिश्रा ने आगे बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में रात करीब 8 से 8:30 तक सीएम योगी आदित्यनाथ लगभग आधे घंटे तक थे. तीनों जगह काशी विश्वनाथ, व्यासजी तहखाना और नंदीजी के दर्शन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ वापस चले गए.
तहखाने में पूजा के लिए कहां से लाई गईं मूर्तियां?
वाराणसी जिला प्रशासन के अनुसार, कोर्ट ने आदेश में कहा था कि सिर्फ उन्हीं मूर्तियों की पूजा होनी थी, जो इस तहखाने से मिली थीं. आपको बता दें कि इस तहखाने में से बरामद हुई कुल 8 मूर्तियों की पूजा की जा रही है. यह पहले से ही सरकार के ट्रेजरी में थीं. इनमें शिवलिंग के दो अरघे, एक भगवान विष्णु की मूर्ति, दो भगवान हनुमान की मूर्ति, एक भगवान गणेश की, एक राम लिखा हुआ छोटा सा पत्थर और एक गंगा जी का मकर शामिल है.
क्या है व्यासजी के तहखाने की पूरी कहानी?
व्यासजी के तहखाने की पूरी कहानी जानने के लिउ यूपी Tak ने वकील विष्णु शंकर जैन से खास बातचीत की. उन्होंने बताया, "नंदी भगवान के ठीक सामने व्यास परिवार का तहखाना है. इस मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर में 1993 तक यहां पूजा होती थी. लेकिन नवंबर 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार द्वारा अवैध रूप से यहां पूजा बंद करा दी गई. वहां से पुजारियों को हटा दिया गया. यह आर्टिकल 25 का भी उल्लंघन है. मैंने यह भी मांग की थी कि कभी भी अंजुमन इंतजामियां इस तहखाना पर कब्जा कर सकती है, जिसके बाद कोर्ट ने डीएम को रिसीवर नियुक्त किया है."
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