Varanasi News : वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में जिला जज ने हिंदू वादियों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है. बुधवार को जिला जज हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी है. विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से पूजा शुरू कराने का 1 हफ्ते में आदेश दिया गया है.
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मालूम हो कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास तहखाना में पूजा पाठ करने के अधिकार देने की मांग वाली शैलेंद्र कुमार पाठक की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद जिला जज ने आदेश सुरक्षित कर लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया गया.
हिंदू पक्ष का दावा है कि साल 1993 के नवंबर से पहले व्यास तहखाने में पूजा पाठ को उस वक्त की प्रदेश सरकार ने रुकवा दिया था, जिसको पुनः शुरू करने का अधिकार दिया जाए. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी.
मालूम हो कि शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से बीते साल 25 सितंबर को वाद दाखिल करके यह दावा किया गया था कि ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर से मौजूद इमारत में तहखाना है और यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी भी है. यह दावा किया गया कि ब्रिटिश शासन काल से ही पुजारी व्यास जी वहां का विश्व थे और दिसंबर 1993 तक वहां पूजा अर्चना होती थी.
इसके अलावा हिंदू पक्ष का दावा है कि व्यास तहखाने में प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व के अन्य सामग्री हैं. साल 1993 दिसंबर से वहां राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक प्राधिकार के तहखाना में पूजा करने से रोक दिया है और दरवाजा भी हटा दिया है, इसलिए यह आशंका है कि पंडित सोमनाथ व्यास के तहखाना पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है.
इसी के बाबत बीते 17 जनवरी को जिला जज वाराणसी ने जिलाधिकारी को व्यास जी के तहखाना का रिसीवर नियुक्त करते हुए उसे अपनी अभिरक्षा में लेकर सुरक्षित रखने का आदेश दिया था और जिला प्रशासन ने 24 जनवरी को व्यास जी के तहखाना की अभिरक्षा ले ली थी. मगर इसी प्रार्थना पत्र में दूसरी मांग थी कि काशी विश्वनाथ धाम स्थित नंदी जी के सामने बैरिकेडिंग खोली जाए और व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ करने के लिए अनुमति दी जाए.
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