ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हुई वीडियो रिकॉर्डिंग का एक्सक्लूसिव वीडियो सामने सोमवार को सामने आया. वहीं, वीडियो सार्वजनिक होने पर वादी पक्ष के लोगों में मतभेद है. बता दें कि एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही वाला वीडियो लीक होने के चलते मंगलवार को चारों वादी महिलाएं सुबह 11 बजे जिला जज की अदालत में जाकर अपना सीलबंद लिफाफा सरेंडर करेंगी.
ADVERTISEMENT
चारों वादी महिलाओं का दावा है कि उनका सील पैक लिफाफा अभी तक खुला नहीं है. मगर इसके बावजूद वीडियो लीक हुआ है, जिसकी वजह से वह अपना सील बंद लिफाफा जिस हालत में कोर्ट ने उन्हें सौंपा था, उसे उसी स्थिति में वापस करेंगी.
गौरतलब है कि मंगलवार शाम को चारों वादी महिलाओं सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास को कोर्ट ने वीडियो-फोटो का बंद लिफाफा सौंपा था.
क्या है मतभेद?
आपको बता दें कि मतभेद तब शुरू हुआ जब विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एविडेंस का फोटो वीडियो सार्वजनिक हो. वहीं जितेंद्र सिंह बिसेन नहीं चाहते थे कि फोटो-वीडियो सार्वजनिक हो. विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, एक्ट उन्हें यह वीडियो सार्वजनिक करने की अनुमति देता है और जब एक्ट ऐसा कहता है तो यह नेशनल सिक्यॉरिटी का मामला ही नहीं बनता है. ध्यान देने वाली बात है कि जितेंद्र सिंह बिसेन ने फोटो-वीडियो को नेशनल सिक्यॉरिटी का मामला बताया था.
ज्ञानवापी परिसर के सामने आए वीडियो में क्या दिखा?
सामने आए वीडियो में कई चीजें देखने को मिली हैं. वीडियो में मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति दिखाई दे रही है, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह आकृति शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.
इसके अलावा, वीडियो में दीवारों पर त्रिशूल और स्वास्तिक के चिह्न मिले हैं. साथ ही फूल और घंटे की आकृति भी मिली हैं. फिलहाल मामला कोर्ट में है और हिंदू व मुस्लिम, दोनों ही पक्षों के वकील अपने-अपने तर्क रख रहे हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने दी सुनवाई की नई तारीख
ADVERTISEMENT