काशी विश्वनाथ में पुजारी भेष में तैनात हुए थे पुलिसकर्मी, अब अखिलेश यादव ने भड़कते हुए ये कहा

यूपी तक

• 02:18 PM • 12 Apr 2024

वाराणसी पुलिस ने काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर एक फैसला लिया था. फैसला था कि विश्वनाथ मंदिर में कुछ पुलिसकर्मी पुजारी की भेष में तैनात रहेंगे. अब इसपर सपा मुखिया अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. अखिलेश यादव ने इस फैसले पर सवाल उठा दिए हैं.

Akhilesh Yadav on Kashi Vishwanath Temple

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Akhilesh Yadav on Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर वाराणसी पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है. पुलिस अधिकारियों ने फैसला लिया है कि कुछ पुलिसकर्मी पुजारी के भेष में मंदिर और गर्भगृह में मौजूद रहेंगे. ये पुलिसकर्मी लोगों को गाइड करेंगे और भक्तों औऱ मंदिर की सुरक्षा पर भी ध्यान देंगे.

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बता दें कि अब वाराणसी पुलिस का ये फैसला विवादों में आ गया है. खुद समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल खड़ा किया है कि पुजारी के भेष में पुलिसकर्मियों का होना किस पुलिस मैन्युअल के हिसाब से सही है? 

पहले जानिए पूरा मामला आखिर है क्या?

दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन करने भक्तों की भारी भीड़ आती है. हर दिन भक्तों के साथ धक्का-मुक्की और उनके साथ गलत व्यवहार की खबरें सामने आती रहती हैं. ये समस्या वाराणसी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी समस्या से निपटने के लिए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने एक फैसला लिया. फैसले के मुताबिक, काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर अब से कुछ पुलिसकर्मी पुजारियों के भेष में तैनात किए जाएंगे. 

इसके पीछे तर्क था कि अक्सर श्रद्धालु पुजारी की बातों को मान लेते हैं. ऐसे में कोई उनके साथ बदसलूकी भी नहीं कर पाएगा और मंदिर की सुरक्षा भी मजबूत होगी. बता दें कि अब वाराणसी पुलिस के इस फैसले पर विवाद हो गया है और सपा मुखिया अखिलेश ने इसपर सख्त टिप्पणी की है.

पूरा मामला यहां पढ़ें: काशी विश्वनाथ मंदिर में पुलिस इस भेष में रहेगी तैनात, रखेगी हर किसी पर नजर, पर क्यों?

क्या कहा अखिलेश यादव ने 

इस पूरे मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर अपनी बात रखी. उन्होंने लिखा, ‘पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देनेवालों को निलंबित किया जाए. कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो उप्र शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा.  निंदनीय.’

पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देनेवालों को निलंबित किया जाए। कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो उप्र शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा।

निंदनीय!
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पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देनेवालों को निलंबित किया जाए। कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो उप्र शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा।

निंदनीय! pic.twitter.com/BQUFmb7xAA

पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देनेवालों को निलंबित किया जाए। कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो उप्र शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा।

निंदनीय! pic.twitter.com/BQUFmb7xAA

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 11, 2024 ">

फैसले पर क्या बोले थे कमिश्नर मोहित अग्रवाल

आपको बता दें कि इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा था, मंदिर में आने वाले भक्त अक्सर पुजारियों की बात को मान लेते हैं. इसलिए ये फैसला लिया गया है. पुजारी के भेष में तैनात पुलिसकर्मी लोगों को गाइड भी किया करेंगे. फिलहाल वाराणसी पुलिस का ये फैसला चर्चाओं में बना हुआ है.

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