गुरुवार को मध्य प्रदेश के अजयगढ़ में पहुंचे समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव, नूर काजी नामक पत्रकार पर भड़क गए थे. अखिलेश ने पत्रकार नूर काजी को बीजेपी का एजेंट तक करार दे दिया था. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पत्रकार नूर काजी को अपराधी तक बता दिया.
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दरअसल, पत्रकार नूर काजी ने अखिलेश से पूछा कि आप पर आरोप लगा था कि अखिलेश यादव टोंटी चोर हैं, तो इस सवाल पर सपा चीफ पत्रकार पर बुरी तरह भड़क गए थे.
अब पत्रकार नूर काजी ने हमारे सहयोगी एमपीतक से बातचीत में कहा है कि वह अखिलेश यादव पर मानहानि का केस कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, “महंगे चश्मा लगाना मेरा शौक है, इसकी वजह से मुझे बीजेपी का एजेंट कह दिया. मेरी तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल दी कि मैं अपराधी हूं.” नूर काजी ने कहा कि उनके खिलाफ देश के किसी भी थाने में कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है.
पत्रकार नूर काजी ने बताया कि वह दिल्ली दंबग के तहसील रिपोर्टर और वंदे भारत के विधानसभा रिपोर्टर हैं. उन्होंने बताया कि पत्रकार का काम सवाल करना होता है, लेकिन अखिलेश यादव मेरे सवाल से काफी भड़क गए. उन्होंने मुझे बीजेपी का एजेंट तक बता दिया.
अखिलेश पर साधा निशाना
नूर काजी ने आगे बताया कि अखिलेश की भावना की गलत है. ये सही है कि उन्होंने (अखिलेश) हमेशा अपराधियों को संरक्षण दिया है. आपके राज (अखिलेश) में खुलेआम अवैध वसूली होती थी, लेकिन आज योगी आदित्यनाथ के राज में हर वर्ग चाहे मुसलमान हो वो खुश है, योगी ने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया.
अखिलेश यादव के बीजेपी के एजेंट वाले बयान पर पत्रकार नूर काजी ने कहा,
“सारे पत्रकार बीजेपी के एजेंट नहीं हो सकते हैं. मैंने सवाल किया तो मुझे ही बीजेपी का एजेंट करार दे दिया गया.”
उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव ने मेरे चश्मे पर सवाल किया तो मैं बताना चाहता हूं कि मैं एक किसान का बेटा हूं और ओरिजनल चीजें इस्तेमाल करता हूं. मैं 12-15 हजार रुपये का चश्मा पहनने का शौक रखता हूं.”
अखिलेश ने क्या कहा था?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब नूर काजी नामक पत्रकार ने सपा चीफ से सवाल पूछा था कि आप पर आरोप लगा था कि अखिलेश यादव टोंटी चोर हैं, तो अखिलेश ने पत्रकार से पूछा कि किसने कहा था? फिर पत्रकार ने जवाब में कहा कि योगी आदित्यनाथ जी ने.
इसके बाद अखिलेश ने पत्रकार से कहा कि ऐसे मत बोलो, पत्रकार मैं तुम्हें कुछ बोलूं…तुम बीजेपी के एजेंट हो और बीजेपी के एजेंट नहीं होते तो इतना महंगा रे-बैन का नकली चश्मा न लगाए होते तुम…इसकी फोटो खींचो जरा.
इसके बाद अखिलेश ने इस पत्रकार का पूरा नाम पूछा तो उसने अपना नाम नूर काजी बताया. फिर अखिलेश ने पत्रकार से कहा कि अच्छा तो तुम मुस्लिम हो तो यह ऐसी भाषा तो नहीं होनी चाहिए.
सपा चीफ ने नूर काजी नामक पत्रकार को लेकर कहा कि तुम इतना झूठ मत बोलो. इस तरह के आदमी पत्रकारिता करेंगे….बिके हुए लोग हैं ये, बिके हुए लोगों को मत बुलाया करो.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि ये पत्रकार है या नहीं. अगर मैं मान लेता हूं कि ये पत्रकार है, तो यही को लड़ाई है सामंतवाद और मनुवाद की.
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