Irfan Solanki News: समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भले ही जमानत दे दी हो, लेकिन इसके बावजूद वे फिलहाल जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे. उनके खिलाफ कानपुर के विभिन्न थानों में कुल 18 मुकदमे दर्ज थे. इनमें से 11 मामलों में इरफान सोलंकी को या तो कोर्ट ने बरी कर दिया है या पुलिस जांच में फाइनल रिपोर्ट लगाकर क्लीन चिट दे दी गई है. इरफान सोलंकी पर दर्ज 18 मामलों में 7 केस अब भी लंबित हैं. इनमें से दो प्रमुख मामले ऐसे हैं जिनमें उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है.
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जमानत के बावजूद क्यों रहना पड़ेगा जेल में?
बता दें कि पहला मामला गैंगस्टर एक्ट के तहत कानपुर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया है, जबकि दूसरा मामला फर्जी आधार कार्ड का है. इन दोनों मामलों में जमानत न मिलने के कारण इरफान सोलंकी को जेल में रहना पड़ेगा. इसका मतलब यह है कि 20 नवंबर को सीसामऊ में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में इरफान सोलंकी प्रचार नहीं कर पाएंगे. मालूम हो कि इरफान सोलंकी की विधायकी जाने के बाद सीसामऊ सीट पर उपचुनाव हो रहा है. सपा ने यहां इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
महिला के घर में आगजनी के मामले में मिली जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में इरफान सोलंकी को महिला के घर में आगजनी और जमीन कब्जाने के मामले में निचली अदालत से मिली 7 साल की सजा के खिलाफ जमानत दे दी है. हालांकि, अन्य लंबित मामलों के चलते उनकी रिहाई अब भी संभव नहीं है. प्रशासन और सोलंकी के वकील अब इन लंबित मामलों में भी जमानत के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन फिलहाल उनका जेल में रहना तय है.
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