Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव में सीटें कम होने के बाद बैकफुट पर गई भारतीय जनता पार्टी 'बंटेगे तो कटेंगे' नैरेटिव के साथ बढ़ती दिख रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंटेगे तो कटेंगे का नैरेटिव हरियाणा चुनाव में आगे बढ़ाया था और वहां भाजपा को शानदार जीत हासिल हुई. वहीं अब इस नैरेटिव को बीजेपी के शीर्ष नेताओं का समर्थन मिलता दिख रहा है और अब ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की सियासी गूंज महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में जोर शोर से सुनाई दे रही है. वहीं अब इस नारे पर वार पलटवार का दौर भी देखा जा रहा है.
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CM योगी का कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावमें सबसे ज्यादा चर्चा में है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा 'बंटेंगे तो कटेंगे,' जिसका समर्थन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर रहे हैं. लेकिन विपक्ष इस नारे को लेकर हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी हर चुनावी रैली में इस नारे को संविधान के खिलाफ बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड की एक जनसभा में कहा कि यह नारा आतिवादी की भाषा का प्रतीक है और उन्होंने योगी आदित्यनाथ से सवाल किया कि साधु-संत सभी का होता है, फिर ये बांटने और काटने की बात क्यों? खड़गे ने तंज कसते हुए कहा कि 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसा बयान एक आतंक को फैलाने वाला दे सकता है, लेकिन मठ के महंत नहीं.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अचलपुर में एक रैली के दौरान कहा कि, 'खड़गे की माताजी, चाची और बहन को निजाम के रजाकारों द्वारा जलाया गया था, लेकिन खड़गे इसका सच नहीं बोलना चाहते क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके वोट खिसक सकते हैं. आजकल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अनावश्यक रूप से मेरे ऊपर लाल-पीले हो रहे हैं, गुस्से में हैं। खरगे जी मेरे ऊपर गुस्सा मत करिए, मैं तो आपकी उम्र का सम्मान करता हूं। आपको गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निज़ाम पर करिए। जिस हैदराबाद के निज़ाम के रजाकारों ने आपके गांव को जलाया था, हिंदुओं की निर्मम हत्या की थी.'
इस चुनावी माहौल में दोनों राज्यों में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि झारखंड में दो चरणों में, 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
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