समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. अखिलेश ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी के तीन इंजन कानून-व्यवस्था को ध्वस्त कर रहे हैं.
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एसपी अध्यक्ष ने कहा ”सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लखीमपुर मामले के आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है. अदालतें पहले भी कई बार प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा चुकी हैं. सरकार आखिर जांच की निगरानी क्यों नहीं कराना चाह रही है. हम पहले से ही कह रहे हैं कि जब तक यहां बीजेपी की सरकार है, न्याय की उम्मीद छोड़ दीजिए”
उन्होंने आरोप लगाया, ”तीन इंजन कानून-व्यवस्था को ध्वस्त कर रहे हैं. दिल्ली वाला इंजन, लखनऊ वाला इंजन और लखीमपुर वाला इंजन. जिनके बेटे को इस मामले (लखीमपुर मामले) में गिरफ्तार किया गया, उन गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) को अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया.”
एसपी अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि किसे फंसाना है, किसके पीछे इसे लगाना है, जांच को कहां ले जाना है, यह सब बीजेपी तय करती है, आखिरकार एसआईटी की अपनी जांच कब होगी.
उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती एसपी सरकार पर अपराध की राजनीति करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आरोप पर अखिलेश ने कहा, ”आखिर कौन मुख्यमंत्री यह बात बोल रहे हैं. वह बताएं कि आखिर उनके ऊपर क्या धाराएं लगी थीं जिन्हें उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद ही वापस ले लिया.”
नवंबर 2016 में केंद्र की बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार की ओर से की गई नोटबंदी का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि इतने साल गुजर जाने के बावजूद भगवा पार्टी यह नहीं बता रही है कि नोटबंदी के क्या फायदे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस लाने का आश्वासन दिया गया था और भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा किया गया था, लेकिन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार बढ़ा है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की दुर्दशा के लिए भाजपा की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं.
अखिलेश ने कहा, ‘‘ नोटबंदी के कारण बड़ी संख्या में नौजवानों, व्यापारियों और किसानों ने आत्महत्या की है. सरकार के पास इसका कोई जवाब है क्या? सरकार ने बड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये नोटबंदी की.’’
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