समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से मैदान में उतरेंगे. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आजमगढ़ से सांसद अखिलेश आखिर करहल सीट से ही विधानसभा चुनाव क्यों लड़ रहे हैं?
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चलिए कुछ प्रमुख पहलुओं पर नजर दौड़ाते हुए इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.
एसपी के दबदबे वाली रही है करहल सीट
साल 1992 में समाजवादी पार्टी बनने के बाद से ही एसपी का करहल विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है. 1993 से लेकर अब तक के यूपी विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो सिर्फ 2002 में बीजेपी इस सीट से जीती थी. हालांकि उस वक्त जो सोबरन सिंह यादव बीजेपी के टिकट पर जीते थे, वह भी बाद में एसपी में शामिल हो गए. एसपी में शामिल होकर सोबरन लगातार यहां से जीतते रहे हैं.
एसपी बनने के बाद हुए यूपी विधानसभा चुनावों में करहल सीट के नतीजे इस तरह रहे हैं:
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1993: एसपी उम्मीदवार बाबू राम यादव ने बीजेपी के टिकट पर उतरे सुभाष चंद्र यादव को 9742 वोटों से हराया.
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1996: एसपी के बाबू राम यादव ने बीजेपी उम्मीदवार सुभाष चंद्र को 13144 वोटों से हराया.
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2002: बीजेपी के टिकट पर उतरे सोबरन सिंह यादव ने एसपी उम्मीदवार अनिल कुमार यादव को 925 वोटों से हराया था.
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2007: इस चुनाव में एसपी के टिकट पर उतरे सोबरन सिंह यादव ने बीएसपी उम्मीदवार रमेश को 17329 वोटों से हराया.
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2012: इस बार भी एसपी के सोबरन सिंह यादव की जीत हुई. उन्होंने बीएसपी उम्मीदवार जयवीर सिंह को 30943 वोटों से हराया.
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2017: एसपी के सोबरन सिंह यादव ने बीजेपी उम्मीदवार रमा शाक्य को 38405 वोटों से हराया.
ऊपर दिए आंकड़ों में देखा जा सकता है कि एसपी के बनने के बाद हुए सभी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में करहल सीट पर यादव उम्मीदवार की ही जीत हुई है. एसपी के बनने से पहले भी यहां 1985, 1989 और 1991 के विधानसभा चुनाव में यादव उम्मीदवार (बाबू राम यादव) की जीत हुई थी.
करहल सीट पर प्रभावी संख्या में हैं यादव वोटर
करहल सीट पर समाजवादी पार्टी के कोर वोट बैंक माने जाने वाले यादव मतदाताओं का दबदबा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुर की 13 प्रतिशत, ब्राह्मण की 12 प्रतिशत है और मुस्लिम मतदाता 5 प्रतिशत हैं.
मैनपुरी के आसपास के जिलों में एसपी को हो सकता है फायदा!
माना जा रहा है कि मैनपुरी जिले की करहल सीट से अखिलेश के लड़ने से एसपी को मैनपुरी के आसपास के उन जिलों में फायदा हो सकता है, जहां 2017 में बीजेपी ने बाजी पलटते हुए एसपी को मात दी थी. दरअसल कन्नौज, एटा, फिरोजाबाद, इटावा, फर्रुखाबाद, औरैया की 22 सीटों पर 2017 में बीजेपी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि 2012 में इन सीटों में से 17 पर एसपी ने जीत हासिल की थी.
मुलायम सिंह का करहल से रहा है गहरा नाता
अखिलेश के पिता और एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं. वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं. बात करहल की करें तो मुलायम का यहां से गहरा नाता है. उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे.
बता दें कि करहल सीट पर आगामी 20 फरवरी को तीसरे चरण में मतदान होगा.
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