Akhilesh Yadav News: लोकसभा चुनाव- 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता की कुर्सी से हटाने की मंशा से बना INDIA गठबंधन इन दिनों राज्य स्तर पर अंदरूनी कलह से जूझता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, इंडिया गठबंधन की कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) आमने सामने आ गई हैं और दोनों ही पार्टी के नेता एक दूसरे पर तंज के तीर-ओ-नश्तर छोड़ रहे हैं. फिलहाल, दोनों पार्टी के बीच लगी ‘आग’ में घी डालने का काम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया है. बता दें कि कमलनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर एक तल्ख बयान दिया है.
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एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर दिए गए बयान में कमलनाथ ने कहा, ”माहौल बहुत अच्छा है. लोग हमें फोन कर रहे हैं और बता रहे हैं कि लोगों में उत्साह है. हम उम्मीद से भी ज्यादा अच्छे नंबर से जीतेंगे… अरे भाई छोड़ो अखिलेश वखिलेश…”
आखिर दोनों पार्टियों के बीच क्या है विवाद की जड़?
दरअसल, यह विवाद दोनों पार्टियों के बीच एमपी विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ. दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी. इसके बाद दोनों पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिए. इसके चलते कई सीटों पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आमने-सामने आ गए.
फिर अखिलेश ने दिया ये संकेत
हालिया यूपी के सीतापुर में सपा चीफ अखिलेश यादव ने एक ऐसा दिया जिससे ऐसा लगा कि उनकी पार्टी आने वाले समय में INDIA अलायंस छोड़ सकती है.
अखिलेश यादव ने कहा, “मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक मीटिंग बुलाई. हमने उन्हें अपनी पूरी परफॉर्मेंस बताई कि किस समय पर सपा के विधायक कहां-कहां जीते हैं. कभी एक, दो, पांच जीते और किस जगह पर नंबर दो पर रहे. रात 1 बजे तक पूरी चर्चा हुई और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे, लेकिन जब रिजल्ट आया और घोषित की गई सीटें तो सपा शून्य रही.”
अखिलेश ने कही ‘कड़वी बात’
उन्होंने आगे कहा, “अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग. न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को और न ही हम कांग्रेस के लोगों का फोन उठाते. अगर उन्होंने (कांग्रेस) ये बात कही है कि गठबंधन नहीं तो हम स्वीकार करते हैं कि गठबंधन नहीं है. अगर गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा. जैसा व्यवहार समाजावदी पार्टी के साथ होगा वैसा ही व्यवहार उन्हें यहां देखने को मिलेगा.”
बता दें कि कांग्रेस ने एमपी में कुल 229 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि सपा ने कुल 31 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है.
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