योगी सरकार पर हमलावर दिख रहीं अनुप्रिया पटेल ने की PM मोदी से मुलाकात, जानें क्या हैं मायने?

यूपी तक

26 Jul 2024 (अपडेटेड: 26 Jul 2024, 05:14 PM)

सियासी उठापटक के बीच अनुप्रिया पटेल को लेकर एक अहम खबर सामने आई है. बता दें कि शुक्रवार को अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.

Picture: Anupriya Patel & PM Modi

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Anupriya Patel News: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी दल असहज नजर आ रहे हैं. असहज हो रहे सहयोगी दलों में सबसे ऊपर नाम अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का है, जिनके बयानों की वजह से यूपी की योगी सरकार घिरती हुई नजर आई. इन सब सियासी उठापटक के बीच अनुप्रिया पटेल को लेकर एक अहम खबर सामने आई है. बता दें कि शुक्रवार को अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बता दें कि उत्तर प्रदेश के सियासी हालात के बीच अनुप्रिया पटेल की इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है.

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क्या हैं इस मुलाकात के मायने?

आपको बता दें कि अनुप्रिया पटेल की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज है. सियासी जानकारों की मानें तो सम्भवता अनुप्रिया पटेल ने पीएम मोदी से लोकसभा चुनाव के नतीजों और उत्तर प्रदेश के सियासी हालात को लेकर बातचीत की है. हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई है, उसकी पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है. मगर यूपी के हालिया सियासी हालात के बीच यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. बता दें कि 29 जुलाई को सीएम योगी दिल्ली जाकर पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे और चुनाव परिणामों के नतीजों पर रिपोर्ट सौंपेंगे. वहीं, इससे पहले अनुप्रिया पटेल का पीएम मोदी से मिलना एक बड़ी खबर के तौर पर देखा जा रहा है.

 

 

यूपी में मिली हार पर अनुप्रिया पटेल ने क्या कहा था?

एक अखबार को दिए इंटरव्यू में अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि यूपी में नतीजे उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे. बकौल अनुप्रिया, शुरुआत में सब कुछ ठीक-ठाक था, लोग केंद्र सरकार के काम से खुश थे. उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के बाद सातवें चरण तक उन्हें गड़बड़ी के संकेत मिलने लगे थे. अनुप्रिया ने कहा कि विपक्ष ने संविधान बदलने की जो अफवाह फैलाई, उसका उसे फायदा मिला. अपना दल (एस) चीफ के मुताबिक, ये सब बातें वायरल होती रहीं और विपक्ष को मौका मिल गया क्योंकि उनके पास और कुछ नहीं था. अगर लोग विपक्ष के भाषणों को सुनें, तो पाएंगे कि उनके पास लोगों को देने के लिए कुछ भी नहीं था, लेकिन यह एक गलती थी जो हुई.       

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