उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक महिला बैंक कर्मी की कथित सुसाइड के बाद विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लिया है. समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस ने इस मामले में प्रतिक्रियाएं दी हैं.
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अखिलेश ने ट्वीट कर कहा है कि अयोध्या में महिला बैंक कर्मी की ”आत्महत्या मामले में मिले सुसाइड नोट में जिस प्रकार पुलिस के लोगों पर सीधा आरोप है वो यूपी में बदहाल कानून-व्यवस्था का कड़वा सच है. इसमें सीधे एक आईपीएस अफसर तक का नाम आना बेहद गंभीर मुद्दा है. इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो.”
वहीं यूपी कांग्रेस ने कहा है, ”अयोध्या में कार्यरत बैंक अफसर ने आत्महत्या कर ली. एक बेटी जिसने संघर्ष की बदौलत अपनी जगह बनाई थी, उसे एक IPS अफसर सहित 2 अन्य के कारण जान देनी पड़ी. दोषी अधिकारी फरार किए जाएंगे और न्याय को दबा दिया जाएगा. यही योगी सरकार की नीति है.”
क्या है मामला?
अयोध्या में एक बैंक की ब्रांच की उप-प्रबंधक शनिवार को अपने किराए के मकान में मृत पाई गई थीं. पुलिस ने बताया कि उन्हें एक नोट भी मिला है, जो कथित तौर पर युवती का सुसाइड नोट है, जिसमें पुलिस अधिकारी, एक कॉन्स्टेबल और एक अन्य व्यक्ति को सुसाइड के लिए जिम्मेदार बताया गया है.
अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. पुलिस के अनुसार युवती ने 2015 में क्लर्क के तौर पर बैंक में नौकरी शुरू की थी, इसके बाद उन्होंने विभागीय परीक्षा पास की और उनकी पदोन्नति हुई. वह 2018 से फैजाबाद में पदस्थ थीं.
उन्होंने बताया कि घटना से संबंधित युवती अविवाहित थीं और लखनऊ के एक इलाके से थीं और अपने परिवार से मिलने वहां जाती थीं.
पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह जब दूधवाला आया और उसने दरवाजा खटखटाया, अंदर से कोई जवाब न पाकर उसने मकान मालिक को इसकी जानकारी दी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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