उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल अलग-अलग जातियों और वर्गों के लोगों को साधने के लिए नई-नई रणनीतियों के साथ अपने अभियानों को आगे बढ़ा रहे हैं. इसी क्रम में, दलित वोटरों को साधने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 8 दिसंबर से इस समुदाय के ‘बुद्धिजीवी’ लोगों के साथ सामाजिक संवाद शुरू किया है.
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बीजेपी प्रदेश के सभी 6 सांगठनिक क्षेत्रों के युवा उद्यमियों, व्यापारियों, नौकरशाहों, लेखकों, रिटायर्ड अधिकारियों, सामाजिक संगठनों आदि के साथ सामाजिक संवाद कर रही है.
इसके तहत बुधवार को लखनऊ स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में अवध क्षेत्र का सामाजिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यकम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय शहरी एवं आवास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने दलित जाति के ‘बुद्धिजीवियों’ को संबोधित किया.
स्वतंत्र देव ने कहा कि केंद्र में मोदी और यूपी में योगी सरकार ने वंचित तबके के लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने का ठोस प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी का मकसद राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समानता, समरसता के नए भारत का निर्माण करना है, लेकिन कुछ विघटनकारी ताकतें भी सक्रिय हैं, जो समाज के अलग-अलग वर्गों को जाति, धर्म में विभाजित करने और सामाजिक व्यवस्था को तोड़ने का काम कर रही हैं.
यूपी बीजेपी चीफ ने कहा, “हमें सार्थक बहस के जरिए उनको बेनकाब करना होगा.”
उधर, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि आज समाज के सभी वर्ग सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं, जहां युवा स्वरोजगार से आत्मनिर्भर हो रहे हैं वहीं सरकार वंचित वर्ग के युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों को आगे बढ़ने के कई मौके मुहैया करा रही है.
अवध क्षेत्र के 13 जिलों के डॉक्टरों, इंजीनियरों, अधिवक्ताओं, उद्यमियों और शोध छात्रों सहित गणमान्य लोगों ने इस संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बीजेपी आने वाले समय में भी इस तरह के संवादों को जारी रखेगी.
9 दिसंबर को कानपुर और आगरा में ऐसे संवादों के आयोजन के बाद पार्टी दूसरे शहरों में भी ये कार्यक्रम करेगी.
10 दिसंबर को गोरखपुर में यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, 11 दिसंबर को वाराणसी में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे और 12 दिसंबर को मेरठ में सांसद राजेंद्र अग्रवाल इस तरह के संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
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