10 सीटों पर उपचुनाव में किसी के साथ जाएंगे या अकेले ठोकेंगे ताल? चंद्रशेखर ने स्ट्रैटिजी बता दी

यूपी तक

19 Jul 2024 (अपडेटेड: 19 Jul 2024, 07:55 PM)

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सभी 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. चंद्रशेखर आजाद के इस फैसले के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. 

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Chandrashekhar Azad News: उत्तर प्रदेश का इन दिनों सियासी तापमान बढ़ा हुआ है. सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव के बाद अब यूपी की 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गईं हैं. इस बीच आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सभी 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. चंद्रशेखर आजाद के इस फैसले के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. 

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चंद्रशेखर ने कही ये बात

यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा की सभी 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी. इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार को भी निशाने पर लेते हुए हमला बोला. साथ ही उन्होंने भाजपा को अयोध्या में मिली अपनी हार से सबक लेने की बात भी कही है.

किन 10 सीटों पर होगा उपचुनाव? 

यूपी की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होगा उनमें करहल, मीरापुर, खैर, फूलपुर, मझवा, कुंदरकी, गाजियाबाद, कटेहरी, मिल्कीपुर और सीसामऊ सीट शामिल हैं. इनमें से 5 विधानसभा सीटें सपा कोटे की खाली हुई हैं, तो 3 सीटें बीजेपी की रिक्त हुई हैं. इसके अलावा एक सीट आरएलडी और एक सीट निषाद पार्टी की है. यह उपचुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए काफी अहमियत रखता है.

चंद्रशेखर ने नगीना में किया कमाल

नगीना लोकसभा सीट पर पहली ही बार चुनाव लड़ने पर चंद्रशेखर ने जीत हासिल की है. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, नगीना में चंद्रशेखर को 512552, भाजपा के ओम कुमार को 361079 वोट, सपा के मनोज कुमार को 102374 वोट जबकि बसपा के सुरेंद्र पाल सिंह को मात्र 13272 वोट मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई. 

यह चुनावी आंकड़े इस बात की तस्दीक कर कर रहे हैं कि कभी बसपा का गढ़ रही नगीना लोकसभा सीट अब उसके हाथ से पूरी तरह से छिटक गई है. बसपा का यहां जमानत जब्त होना और चंद्रशेखर का चुनाव जीतना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि जो दलित और मुस्लिम वोटर यहां पहले बसपा की जीत का कारण बनते थे वो अब पूरी तरह से उभरते हुए नए दलित नेता चंद्रशेखर के पक्ष में चले गए हैं.

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