UP News: एक तरफ उत्तर प्रदेश में उमस भरी गर्मी का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ सूबे का सियासी तापमान भी चढ़ा हुआ है. 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अंदर घमासान मचा हुआ है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दिल्ली दौरे के बाद से सियासी गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यूपी में कोई बदलाव होने जा रहा है? दिल्ली से लेकर लखनऊ और गोरखपुर से लेकर वाराणसी तक इस सवाल को लेकर कयासों की बाढ़ आई हुई है. मगर यूपी Tak को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फिलहाल यूपी सीएम को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कोई मंथन नहीं का रहा है.
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मिली जानकारी के अनुसार, केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदले जाने को लेकर कोई बात नहीं हुई. मगर ऐसा नहीं है कि हालात ज्यों के त्यों बने रहेंगे. सूत्र बता रहे हैं कि 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के बाद योगी मंत्रिमंडल में बदलाव होना तय माना जा रहा है. प्रदेश संगठन में भी बदलाव उपचुनाव के बाद होगा.
केशव मौर्य के इस बयान से मची थी सियासी हलचल
आपको बता दें कि 14 जुलाई को को लखनऊ में भाजपा प्रदेश की कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है' कहकर सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी थी. इसी बयान के बाद केशव मौर्य को दिल्ली तलब किया गया था. इस दौरान मौर्य की पार्टी मुख्यालय में जेपी नड्डा से तकरीबन एक घंटे तक मीटिंग चली थी. इस मीटिंग को लेकर खबर निकलकर ये आई कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से यह कहा गया है कि किसी भी सूरत में सरकार और संगठन के तालमेल को लेकर ऐसी कोई बयानबाजी ना की जाए, जिससे पार्टी हित का नुकसान हो.
कुल मिलाकर बोतल से विवाद का ये जिन्न बाहर आ चुका है. उपचुनावों की शक्ल में अगला इम्तेहान सामने है, जिसकी पूरी जिमम्दारी सीएम योगी ने खुद ली है. देखना ये दिलचस्प होगा कि अंदरूनी लड़ाई के इस घमासान से बाहर आकर क्या बीजेपी उपचुनाव में बाउंस बैक कर पाती है या नहीं?
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