उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुए संघर्ष में एक ही परिवार के पांच सदस्यों समेत छह लोगों की हत्या के नौवें दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया और दोनों पीड़ित परिवारों से मिलकर सांत्वना दी और मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की है.
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रुद्रपुर के फतेहपुर ग्राम सभा सीमा क्षेत्र में एक माह के लिए धारा 144 लागू है. यह पूछे जाने पर कि 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गांव में कैसे दाखिल हुआ, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) गौरव श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘प्रशासन की अनुमति से प्रतिनिधिमंडल गांव में गया होगा.’
प्रतिनिधिमंडल ने दिवंगत पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और दूसरे पक्ष के मृतक सत्य प्रकाश दुबे के बेटे देवेश दुबे से भी मुलाकात कर सांत्वना दी और घटना की सीबीआई जांच की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा,
”घटना दुखद है और इसकी सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए. इसमें बुलडोजर की राजनीति नहीं होनी चाहिए.”
त्रिपाठी ने मांग की कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए तथा दोषी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
पूर्व मंत्री ने कहा कि विशेष अदालत में मुकदमा चलाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और दोनों प्रभावित परिवारों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
त्रिपाठी ने यह भी कहा कि हमें जाति आधारित संघर्ष को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और देवभूमि को ऐसे किसी भी टकराव से बचाना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को रिपोर्ट सौंपेगा.
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व राज्यसभा सदस्य कनक लता सिंह, पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर सहित सपा जिलाध्यक्ष व्यास यादव भी शामिल थे.
रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद यादव की दो अक्टूबर को उनके प्रतिद्वंद्वी सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार द्वारा कथित तौर पर हत्या किए जाने के बाद यादव के समर्थकों के हमले में दुबे, उनकी पत्नी और तीन बच्चों सहित उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी.
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