Dhananjay Singh News: जौनपुर की अदालत द्वारा अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद बाहुबली पूर्व सांसद और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह सुर्खियों में आ गए हैं. धनंजय सिंह के साथ-साथ उनकी तीसरी पत्नी श्रीकला सिंह की भी खूब चर्चा हो रही है. बता दें कि श्रीकला मौजूदा वक्त में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. खबर में आगे जानिए धनंजय सिंह और श्रीकला की पूरी कहानी.
ADVERTISEMENT
बिजनेस फैमिली से आती हैं श्रीकला
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के कुछ ही महीने बाद धनंजय सिंह ने तेलंगाना की श्रीकला रेड्डी से तीसरी शादी की थी. श्रीकला भी तलाकशुदा हैं. तेलंगाना की बिजनेस फैमिली निप्पो बैटरी ग्रुप से ताल्लुक रखने वालीं श्रीकला के पिता जितेंद्र रेड्डी भी विधायक भी रह चुके हैं. वहीं, उनकी मां ललिता रेड्डी अपने पैतृक गांव रत्नावरम की सरपंच रह चुकी हैं.
पेरिस में हुई थी शादी
बता दें कि फ्रांस के पेरिस में हुई धनंजय और श्रीकला की शादी काफी चर्चा में रही थी. शादी के रिसेप्शन में योगी सरकार के कई मंत्री और वर्तमान में जौनपुर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह भी शामिल हुए थे. वहीं, 2020 में पारसनाथ यादव के निधन होने के बाद हुए मलहनी उपचुनाव में धनंजय सिंह ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह पारसनाथ यादव की बेटे लकी यादव से मामूली अंतर से पराजित हो गए. इसके बाद धनंजय सिंह जनता दल यूनाइटेड की राजनीति में सक्रिय भागीदारी शुरू कर दी.
इसके बाद 2021 में हुए पंचायत चुनाव में धनंजय सिंह अपनी पत्नी श्रीकला सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाने में कामयाब रहे.
लोकसभा चुनाव लड़ने की थी तैयारी...
बता दें कि इस बीच धनंजय सिंह जदयू के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए. जदयू के NDA अलायंस में आने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर सीट पर धनंजय सिंह ने दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी. दरअसल, भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बना दिया. इसके बाद धनंजय सिंह ने सोशल मीडिया पर 'जीतेगा जौनपुर लड़ेगा जौनपुर' वाला पोस्टर शेयर किया, जिसके बाद राजनितिक सरगर्मी काफी बढ़ गई. पूर्व सासंद धनंजय सिंह विपक्षी 'INDIA' गठबंधन से टिकट की कतार में लग गए. इस बीच 4 मार्च को धनंजय सिंह की सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से सार्थक मुलाकात भी हुई थी. मगर मंगलवार को अचानक 46 माह पूर्व दर्ज एफआईआर के आधार पर कोर्ट ने धनंजय सिंह को दोषी करार दिया, जिसने जौनपुर की राजनीति में भूचाल ला दिया.
ADVERTISEMENT